(अमेठी)ग्रहण काल में नहीं होना चाहिए प्रतिमाओं का विसर्जन
- 27-Oct-23 12:00 AM
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अमेठी 27 अक्टूबर (आरएनएस)। श्री कालिका धाम के पीठाधीश्वर श्री महाराज का कहना है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है जो रात्रि में 1:25 पर प्रारंभ होकर लगभग ढाई बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है अर्थात अपरान्ह 4:05 से शुरू होगा जो मोक्ष कल तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में देवालय बंद रहते हैं देव प्रतिमाओं का स्पर्श नहीं किया जाना चाहिए।पूजन पाठ भी निषेध है। ऐसी स्थिति में दुर्गा पूजा के दौरान स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए श्रद्धालु या तो सूतक काल के पूर्व विसर्जित करें या फिर मोक्ष काल के उपरांत प्रतिमाओं का विसर्जन करें। ग्रहण काल के दौरान दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन उचित नहीं होगा। दुर्गा पूजा संचालन समिति के अध्यक्ष सोनू कसौधन ने कहा कि उनके कार्यक्रम में किसी प्रकार की फेर बदल नहीं की गई है उनका प्रयास होगा की नगर की प्रतिमाएं मोक्ष काल के उपरांत ही विसर्जित की जाए। ग्रामीण अंचल की प्रतिमाएं हो सकता है ग्रहण काल के पूर्व विसर्जित कर ली जाएगी। चंद्र ग्रहण के कारण पूजा समितियां के समक्ष विसर्जन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है लोग तमाम धर्माचार्य से इस पर राय मशवरा करते दिखाई पड़े।अधिकांश विद्वानों का यह मत है कि सूतक काल और ग्रहण काल में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन उचित नहीं है।
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