(अयोध्या)अस्थाई संविदा कर्मी कई वर्षों से बना है एसडीएम का स्टेनो

  • 14-Oct-23 12:00 AM

-संविदा कर्मी के कारनामों का मामला पहुंचा मुख्यमंत्री के दरबार-आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद ने दिए कार्यवाही के आदेश-चहेते अस्थाई कर्मी के बचाव में उतरे एसडीएम मिल्कीपुरमिल्कीपुर-अयोध्या,14 अक्टूबर (आरएनएस)।मिल्कीपुर तहसील में अस्थाई रूप से तैनात एक संविदा कर्मी से एस डी एम स्टेनो पद पर कार्य लिए जाने का मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री के दरबार जा पहुंचा है जहां तहसील क्षेत्र स्थित रानिकपुर गांव निवासी द्वारा की गई शिकायत के क्रम में प्रदेश के संयुक्त सचिव राजस्व भूपेंद्र बहादुर सिंह ने प्रदेश के आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को प्रकरण में कार्यवाही किए जाने का आदेश दे दिया है। हालांकि राजस्व परिषद आयुक्त एवं सचिव के द्वारा प्रेषित किए गए कार्यवाही संबंधी पत्र के बावजूद भी एसडीएम मिल्कीपुर अपने चहेते संविदा कर्मी के बचाव में पत्राचार करते नजर आ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रानिकपुर गांव निवासी मंगल पुत्र झिंगुरी ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि मिल्कीपुर तहसील में संविदा कर्मी अमित श्रीवास्तव की तैनाती वर्तमान में संग्रह अनुभाग में है। किंतु उससे आदेशों निर्देशों को धता बता तहसील के अति महत्वपूर्ण पद एसडीएम के स्टेनो का काम लिया जा रहा है जिसके चलते वह तहसील क्षेत्र वासियों को अपने का एसडीएम का करीबी बताता है। स्थानीय मुंशी व दलालों के सहयोग से धारा 80,32 और 38 ऑनलाइन संदर्भ, धान, गेहूं की बिक्री की संस्तुति में अच्छी खासी मोटी रकम की वसूली करता है और गरीब जनता का दोहन कर रहा है यहां तक की धारा 80 और अन्य प्रकीर्ण वादों का निस्तारण कराने में 20 हजार से एक लख रुपए तक की अबैध वसूली भी करता है। उक्त संविदा कर्मी एसडीएम का चहेता होने के चलते तहसील क्षेत्र के फरियादियों से बदसलूकी भी करता है। एसडीएम के आवास के बगल ही तहसील परिसर में उक्त संविदा कर्मी को सरकारी आवास भी आवंटित है। जहां से वह एसडीएम के अबैध कमाई में सेतु का काम करता है। पीडि़त ने आरोप लगाया है कि उक्त कमाऊ पूत संविदा कर्मी की हरकतों के चलते आए दिन तहसील में वाद विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। यदि ऐसे भ्रष्टाचारी संविदा कर्मी को एसडीएम के अति महत्वपूर्ण गोपनीय पद स्टेनों से नहीं हटाया गया तो तहसील में कभी भी कोई बड़ी अप्रिय घटना भी घट सकती है। बता दे की बीते 28 सितंबर अगस्त को प्रदेश के आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश अनुभाग 12 लखनऊ द्वारा प्रदेश के समस्त मंडल आयुक्त एवं समस्त जिलाधिकारी को एक पत्र प्रेषित करते हुए तहसील कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों निजी कार्मिक प्राइवेट व्यक्तियों से कार्य न कराए जाने के कड़े निर्देश दिए गए थे लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने उस आदेश की हवा निकाल दी तथा दर्जनों की संख्या में बाहरी व्यक्ति तहसील के महत्वपूर्ण पटलों पर आज भी जमे हैं, जो क्षेत्रवासी फरियादियों से रौब भी गालिब करते हैं। वहीं दूसरी और उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर ने शिकायतकर्ता की शिकायत को नजरअंदाज कर बीते 4 सितंबर को जिलाधिकारी को एक रिपोर्ट प्रेषित कर दी है। जिसमें उन्होंने अपने स्टेनो अमित कुमार श्रीवास्तव को तकनीकी मैनपॉवर के पद पर स्थाई रूप से तहसील में कार्यरत बताया है तथा संविदा कर्मी द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का नियमानुसार निर्वहन किए जाने की प्रशंसा भी की है। उप जिला अधिकारी ने शिकायतकर्ता की शिकायतों के सापेक्ष कोई भी साक्ष्य न प्राप्त होने की भी बात कहते हुए शिकायत को तथ्य विहीन बता दिया है। वहीं दूसरी ओर समूचे तहसील क्षेत्र में उक्त कथित स्टेनो के कारनामों की चर्चा जोरों पर है और वह अपने को एसडीएम का करीबी तथा पावरफुल बताने में भी नहीं हिचक रहा है। उसका कहना है कि ऐसी तमाम शिकायतें होती रहे मेरा कुछ बिगड़ता वाला नहीं है।




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