(अयोध्या)आयुष्मान भव: मेला महज खाना पूर्ति
- 29-Oct-23 12:00 AM
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-छिटपुट लोगों को छोड़कर नाम के अनरूप मेला महज स्वास्थ्य कर्मियों की हाजरीसोहावल-अयोध्या 29 अक्टूबर (आरएनएस)। स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष्मान भव: मेला का साप्ताहिक मेला महज खाना पूर्ति होकर रह गया है।हर रविवार को होने वाले स्वास्थ्य मेले में छिटपुट लोगों को छोड़कर नाम के अनरूप मेला महज स्वास्थ्य कर्मियों की हाजरी ही है। 29 अक्टूबर को लगे स्वास्थ्य केंद्र सोहावल के आयुष्मान मेले में लाभार्थी की संख्या केवल तीन रही। मेला प्रभारी आशीष पाण्डे ने बताया कि आज आयुष्मान की बेवसाइट न चलने के कारण किसी लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड नही बन पाया ।लाभार्थियों को एप के बारे में प्रशिक्षित कर स्वयं आयुष्मान कार्ड बनाने की सलाह दी गयी । वही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जनपद अयोध्या के 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष्मान भव: मेला एवम 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोहावल अयोध्या में डॉ बी एन यादव अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अयोध्या एवम अन्य जनपदीय अधिकारियों ने आयुष्मान भव: मेला का पर्येक्षण किया गया साथ ही वहां उपस्थित अधीक्षक, चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को अपने कार्य प्रति सजग रहने को कहा। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 2700 लाभार्थिय ने , 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 3756 एवम 6 अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 489 लाभार्थियो ने स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त किया । वर्तमान समय में लोग संचारी रोगों से ज्यादा परेशान है अत: उनको अपने क्षेत्र में साफ सफाई रखनी चाहिए , शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जल भराव वाले क्षेत्र में मिट्टी से उनको पाट देना चाहिए। इससे क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू ,चिकनगुनिया, आदि होने का खतरा कम हो जाता है साथ ही वर्तमान समय में लोगों की जीवन शैली में लगातार गिरावट होने के कारण एवम लोगों द्वारा धूर्मपान, पान मसाला आदि अत्यधिक सेवन करने से कम्युनिकेबल डिजीज जैसे कि हाइपरटेंशन, शुगर , मोटापा कैंसर हार्ट टैक आदि बीमारियों ग्रसित हो रहे है। इससे सम्बन्धित लाभार्थियो की जांचे की गई वा दवा भी दी गई। गर्भवती महिलाओं की एएन सी की जांच भी की गई । गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों को जिला पुरुष चिकित्सालय/ जिला महिला चिकित्सालय/ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
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