(अयोध्या)कुमारगंज में नि:शुल्क डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ

  • 29-Sep-25 12:00 AM

-रामनेवाज सिंह कॉलेज बना क्षेत्र का पहला ऐसा संस्थान,क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआतमिल्कीपुर-अयोध्या 29 सितंबर (आरएनएस ) अमानीगंज शिक्षा क्षेत्र के रामनेवाज सिंह पीजी कॉलेज और इंटर कॉलेज में नि:शुल्क डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। यह अमानीगंज क्षेत्र का पहला ऐसा महाविद्यालय है, जहां विद्यार्थियों को नि:शुल्क डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध होगी। इस लाइब्रेरी का उद्घाटन आज विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद संपन्न हुआ, जिसने क्षेत्र के शिक्षा जगत में एक नया अध्याय जोड़ा।विद्यालय के प्रबंधक डॉ. मनीष सिंह ने उद्घाटन समारोह में बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करना है, जो आर्थिक तंगी या दूरी के कारण लाइब्रेरी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा, कई बच्चे घ्500 या उससे अधिक खर्च कर बाहर की लाइब्रेरी में पढ़ाई करने जाते थे, लेकिन कुछ विद्यार्थी, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के, इस सुविधा से वंचित रह जाते थे। अब हमारे डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राएं स्कूल समय के बाद प्रतिदिन 1 घंटे नि:शुल्क डिजिटल लाइब्रेरी में पढ़ाई कर सकेंगे।डॉ. मनीष सिंह ने भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गरीब परिवारों की बेटियों को भी इस डिजिटल लाइब्रेरी में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी, भले ही वे इस विद्यालय की छात्राएं हों या न हों। यह कदम न केवल शिक्षा को समावेशी बनाएगा, बल्कि लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगा।यह डिजिटल लाइब्रेरी आधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें विद्यार्थियों को ऑनलाइन शैक्षिक संसाधन, ई-बुक्स, शोध पत्र, और अन्य डिजिटल सामग्री उपलब्ध होगी। यह सुविधा विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई में नवीनतम तकनीक का उपयोग करने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगी। लाइब्रेरी की देखरेख की जिम्मेदारी साधना मिश्रा को सौंपी गई है, जिन्हें लाइब्रेरी प्रभारी नियुक्त किया गया है। अमानीगंज क्षेत्र में इस तरह की नि:शुल्क डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना अपने आप में एक अनूठी पहल है। यह न केवल स्थानीय विद्यार्थियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के शैक्षिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इस पहल से न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को भी मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।




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