(अयोध्या)गन्ने की फसल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ : राजेश्वर यादव
- 08-Oct-25 12:00 AM
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-ग्रामीण विकास में गन्ने की फसल का योगदानÓ विषय पर हुआ व्याख्यानअयोध्या 8 अक्टूबर (आरएनएस )डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा विभाग में बुधवार को ग्रामीण विकास में गन्ने की फसल का योगदान विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला गन्ना अधिकारी राजेश्वर यादव अयोध्या रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र मिश्र द्वारा मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत करने के साथ हुआ। मुख्य अतिथि राजेश्वर यादव ने अपने उद्बोधन में गन्ने की फसल को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि गन्ना केवल एक फसल नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास का सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादन से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि इससे जुड़े उद्योग जैसे चीनी मिलें, गुड़ उद्योग, एथेनॉल उत्पादन और पशु आहार निर्माणकृग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर सृजित करते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक, फसल चक्र, और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान अपनी उपज और आय दोनों में वृद्धि कर सकते हैं। श्री यादव ने उपस्थित विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी देकर उनकी प्रगति में योगदान दें। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सुरेंद्र मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत की आर्थिक मजबूती का आधार कृषि है, और गन्ना उसकी प्रमुख फसलों में से एक है, जो देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को सुदृढ़ बनाने में निरंतर योगदान देती है। जो समाज, कृषि और ग्रामीण विकास से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। कार्यक्रम का संचालन विनीता पटेल ने किया। इस अवसर पर विभाग की शिक्षक शालिनी पांडेय, रत्नेश यादव एवं विनय शर्मा ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विषय पर सारगर्भित प्रश्न पूछे। विभाग की ओर से धन्यवाद ज्ञापन शालिनी पांडेय द्वारा किया गया।
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