(अयोध्या)बाल मेले में बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी के साथ व्यंजनों का उठाया लुत्फ

  • 03-Dec-23 12:00 AM

-ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी इतिहास रचने की रखते हैं क्षमता : डॉ. बी. के सिंहमिल्कीपुर-अयोध्या 3 दिसंबर (आरएनएस)। ग्रामीण क्षेत्र में भी पढऩे वाले बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। थोड़ी संजीदगी के साथ उचित मार्गदर्शन मिला तो वे इतिहास रचने की क्षमता रखते हैं। इतना ही नही उन्होंने यह भी कहा कि मानव की वैज्ञानिक सोच ही विकास के नए रास्ते खोलती है बच्चों में वैज्ञानिक भावना बहुत जरूरी है। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ बी के सिंह ने राष्ट्रीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज पिठला में आयोजित बाल मेला एवं विज्ञान प्रदर्शनी कार्यक्रम में भ्रमण के दौरान कहीं।बाल मेले का उद्घाटन प्रधानाचार्य डॉ रमेश कुमार मिश्रा ने किया। उद्घाटन के बाद प्रधानाचार्य ने मेला भ्रमण कर रहे लोगों से कहा कि बच्चों द्वारा आपसी समन्वय से जो वैज्ञानिक आविष्कार किए गए हैं। यह उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा को प्रदर्शित करता है। आज के समय में विज्ञान को बढ़ावा देना देश के लिए सबसे बड़ी जरूरत है। बाल मेले में विज्ञान प्रदर्शनी, हस्त कला, चित्र कला के एक से बढ़कर एक नमूने बनाए गए थे। मेला भ्रमण करने वाले सभी लोगों ने छात्र छात्राओं द्वारा बनाए गए प्राकृतिक आपदाओं का मॉडल, कृषि पद्धति, काव्या का जल चक्र, का स्वच्छ भारत, प्रकाश संश्लेषण, प्राकृतिक सुरक्षा, बीज अंकुरण, पोषक तत्व, सोलर एनर्जी, पदार्थ की अवस्थाएं, पाचनतंत्र एवं बनाई गई खाद्य सामाग्री की खूब सराहना की। इस अवसर पर क्षेत्र के विजय पाल सिंह, विजय सिंह, ,देवदत्त सिंह एवं विद्यालय शिक्षक सुनील श्रीवास्तव, मंगल प्रसाद प्रजापति, अंकित वर्मा, विकास मिश्र, राहुल शुक्ल, राकेश कुमार, शिव शंकर यादव, गोपाल जी,शुभेंद्र सिंह व अर्चना सिंह सहित सभी छात्र छात्राओं ने बाल मेले और विज्ञान प्रदर्शनी का खूब आनंद उठाया।




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