(अयोध्या)रानी दुर्गावती की जीवनी समाज के लिए प्रेरणास्रोत
- 05-Oct-25 12:00 AM
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मिल्कीपुर-अयोध्या 5 अक्टूबर (आरएनएस )। मिल्कीपुर के करमडांडा पटखौली गांव में रविवार को वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती मनाई गई। उम्मीद किरण सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गोंड समाज के लोगों ने रानी दुर्गावती को श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारत वर्षीय गोंड महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाबूराम गोंड ने वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन आदर्शो पर से चर्चा करते हुए कहा कि उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है, कहा कि वर्ष 1550 में महारानी दुर्गावती ने अपने पति गोंडवाना राज्य के राजा दलपत शाह की मृत्यु के बाद अपने 5 वर्षीय पुत्र को राज्य का राजा घोषित कर पूरे राज्य की बागडोर अपने हाथ में ले लिया और अपने शासनकाल में कुल 52 युद्ध लड़े जिसमें से 51 युद्ध में उन्होंने विजय प्राप्त किया।उन्होंने प्रशासन से अयोध्या जिले में रानी दुर्गावती की प्रतिमा लगवाने की मांग किया है। विशिष्ट अतिथि एडवोकेट रवि कुमार गोंड ने कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने अंतिम युद्ध में विरोधियों के हाथों मरने के बजाय अपनी तलवार से बलिदान देते हुए अपनी जीवनलीला समाप्त कर लिया और इतिहास के पन्नों में अमर हो गईं। कार्यक्रम को वक्ता दल सिंगार गोंड, डॉ राम कृपाल गोंड, केपी गोंड, सरिता गोंड, बृजेश कुमार गोंड आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी लाल चन्द्र चौरसिया तथा अध्यक्षता जनार्दन गोंड ने किया। इस मौके पर कौशिक गोंड, प्रेमनाथ गोंड, तिलकराम गोंड, रामसेवक गोंड, दिलीप गोंड,अर्जुन गोंड, रीता गोंड,गंगादीन गोंड, सुरेश गोंड, शिव कुमार गोंड, आशाराम गोंड, देवेंद्र मिश्रा, लाल बहादुर पाठक समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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