(अयोध्या)सेक्सुअली एक्टिव किशोर व युवाओं में बढ़ रहाएचआईवी फोबिया : डा. आलोक

  • 01-Dec-23 12:00 AM

-40 फीसदी से ज्यादा किशोर व नव युवा हैं सेक्सुअली एक्टिवअयोध्या 1 दिसंबर (आरएनएस)। जिला चिकित्सालय के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डा आलोक मनदर्शन ने विश्व एड्स दिवस पर शोधपरक जानकारी देते हुए बताया कि 19 वर्ष से कम उम्र के 40 प्रतिशत टीनेजर्स सेक्सुअली एक्टिव हैं।किशोर सेक्सुअल एक्टिविटी में असुरक्षित यौन सम्बन्धों की अधिकता होने के कारण एचआईवी संक्रमित होने का भय या एच आई वी फोबिया बने रहने के कारण बार बार एचआईवी परीक्षण कराने को बाध्य हो जाते हैं। इस द्वन्द भरी मनोदशा में मानसिक ऊर्जा क्षीण होने के कारण इसका दुष्प्रभाव पढ़ाई लिखाई, व्यक्तित्व विकास, व अन्य रचनात्मक व कैरियर निर्माण के क्रिया कलापों पर पड़ता है। एचआईवी फोबिया से ग्रसित टीनेजर में तनाव,हताशा व एचआईवी के लक्षणों को इण्टरनेट पर सर्च करने की विवशता भी दिखायी पड़ती है। एचआईवी फोबिया ग्रसित अवसाद व तनाव से छद्यम् शकून् पाने के लिए ये लोग विभिन्न अन्य नशों का भी सहारा लेने लगते हैं। डॉ आलोक मनदर्शन के अनुसार टीनेजर्स में तर्क संगत सोचने व मनोसंयम के लिए उत्तरदायी मस्तिष्क के हिस्से सेरेब्रम् का विकास धीमा तथा कामोत्तेजना व भावोत्तेजना का केन्द्र अमिगडाला ग्रन्थि की अति सक्रियता बढ़ती किशोर यौन सक्रियता के लिए जिम्मेदार है। दूसरी तरफ एच0आई0वी0 संक्रमण का डर से सुकुन पाने के लिए बार-बार एच0आई0वी0जांच करवाने की मनोआसक्ति में फसते चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ मनोरंजक गतिविधियों तथा खेलकूद व अन्य रचनात्मक क्रियाओं को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे कि हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन व डोपामिन का सकारात्मक संवर्धन हो सके जिससे कि द्वन्द रहित मन से अपने कैरियर पर फोकस कर सके। आवश्यकता महसूस होने पर नि:संकोच मन से मनो परामरामर्श अवश्य लें ।




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