(आगर) आगर के 34 सरकारी हाईस्कूल का रिजल्ट बेहद खराब

  • 29-Apr-24 12:00 AM

आगर,29 अप्रैल (आरएनएस)। शासन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करता है लेकिन धरातल पर स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा हम आगर जिले में दसवीं बोर्ड में आए रिजल्ट से लगा सकते हैं। शिक्षा विभाग के एक्शन की सूची में जिले के 63 में से कुल 34 स्कूल आ चुके हैं जिनका रिजल्ट 40 परसेंट से कम है। सरकार एक हाई स्कूल पर लगभग दस से 15 लाख रुपए प्रतिवर्श खर्च करती है। दूसरी ओर एक निजी विद्यालय सात से आठ लाख खर्च कर नर्सरी से लेकर 12वीं तक लगभग एक हजार बच्चों को पढ़ाता है जिसके बच्चे जिले नहीं प्रदेश भर में प्रवीण सूची में आते हैं, इस विडंबना को हम क्या कह सकते हैं। यहां तक कि जिले के बड़ोद ब्लॉक का शासकीय हाईस्कूल खजूरी बड़ोद ऐसा विद्यालय है जहां 30 बच्चे दसवीं बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुए लेकिन एक भी बच्चा पास नहीं हुआ यही जिले के नलखेड़ा ब्लॉक का हाईस्कूल टिकोन जहां पर 42 बच्चों ने परीखा दी और मात्र दो बच्चे ही पास हो सके। आगर विकासखंड में नौ विद्यालय ऐसे हैं (जहां 33 प्रतिशे से भी कम बच्चे पाए हुए कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लाक अधिकारी, नोडल अधिकारी सभी अधिकारी होने के बावजूद भी आगर विकासखंड की स्थिति सबसे खराब है। जिले का बड़ोद विकासखंड भी मात्र जिले से 25 किमी दूर है इस विकासखंड का शासकीय हाई स्कूल खजूरी बड़ोद जहां पर 30 बच्चों में से एक बच्चा पास नहीं हुआ। बड़ोद में जहां पर सात में से 33 परसेंट से भी कम बच्चे पास हुए। अनिल पुरोहित




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