(आजमगढ़)अतरौलिया में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भसमापन दिवस पर संगोष्ठी, मातृ मृत्यु रोकथाम पर जोर
- 26-Sep-25 12:00 AM
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आजमगढ़ 26 सितंबर (आरएनएस)ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान एवं कॉमन हेल्थ के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अतरौलिया के प्रांगण आशा एवम् आशा संगिनी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भसमापन दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी मुख्य अतिथि डॉ. आरती सिंह, अधीक्षक हरिश्चंद्र, एचईओ जितेंद्र कुमार, बीसीपीएम सुरेश पांडेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजदेव चतुर्वेदी ने बताया कि 28 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भसमापन दिवस के रूप में मनाया जाता है । यदि बच्चा पैदा होने के 42 दिन के अंदर किसी महिला की मृत्यु होती है तो उस स्थिति में हम मातृ मृत्यु कहेंगे। हमारे जिले में 169 मौत प्रति वर्ष होती है, यह मातृ मृत्यु सुरक्षित/असुरक्षित या किसी अन्य कारण से होता है, इसे रोका जा सकता है । जिले में होने वाले 8त्न मौत हम को हम रोक सकते है । यह मृत्यु इसलिए होता है, जब कोई महिला बच्चा नहीं चाहती और ऐसी स्थिति में उसका गर्भ रुक जाता है, अनचाहे गर्भ रुकने की वजह से मौतें ज्यादा होती है । समुदाय स्तर पर जागरूकता की कमी के कारण आज भी कई महिलाएं असुरक्षित तरीकों का सहारा लेती हैं, जिससे संक्रमण, अत्यधिक रक्तस्राव और मृत्यु तक के मामले सामने आते हैं। हमारे देश में जब एमटीपी एक्ट आया था तो उसमें कहा गया है कि अगर महिला को शारीरिक या मानसिक रूप से खतरा है, भ्रूण में गंभीर असामान्यता हो या गर्भ बलात्कार या जबरदस्ती से हुआ है तो ऐसी स्थिति में एमटीपी एक्ट लगता है । एचईओ जितेंद्र कुमार के द्वारा बताया गया कि हमारे देश में शिक्षा की कमी है इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में कमी होती है और अनचाहा गर्भ होता है । जब महिला नसबंदी होती है तो उस दौरान आप सभी से अनुमति ली जाती है और उस नसबंदी के दौरान उसमें छल्ला डाला जाता है। अगर महिला आगे बच्चा चाहती है तो उसके उस छल्ले को निकाल दिया जाता है और कुछ समय बाद महिला गर्भधारण कर सकती है । हमें अपने विचार और व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है । पूरी दुनिया से जुडऩे के लिए शिक्षा हमारा सबसे बड़ा हथियार है ।
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