(इंदौर)इंदौर में सीएम के सामने मालिनी गौड़ का विरोध:विरोधी बोले 6 बार से एक ही परिवार को टिकट, अब परिवर्तन जरूरी; जानिए विरोध की ये 5 वजह

  • 01-Oct-23 12:00 AM

इंदौर 1 अक्टूबर (आरएनएस)। भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची आने के बाद से ही इंदौर सहित प्रदेशभर में बगावत का दौर जारी है। लेकिन इंदौर में यह बगावत लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार को इंदौर एयरपोर्ट पर इंदौर-4 की विधायक मालिनी गौड़ के सामने ही सीएम शिवराज सिंह चौहान से इंदौर-4 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वर्तमान विधायक को टिकट नहीं देने की बात कहीं। जिस पर सीएम ने भी कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए आश्वासन दिया कि विचार किया जाएगा। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब विधायक मालिनी गौड़ से बात करने की कोशिश की गई तो उनकी तरफ से बात नहीं हो पाई।-पहले जानिए विधायक मालिनी गौड़ का आखिर विरोध किन 5 कारणों से हो रहा है...4 बार के पार्षद के टिकट काटने से बिगड़ी स्थिति : 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में इंदौर 4 के वह पार्षदों के टिकट काट दिए गए थे, जो 4 बार के पार्षद रह चुके हैं। जिन पार्षदों के टिकट उनका कहना है कि हमारे यह कहकर टिकट काटे गए कि आप इतने समय पार्षद रह लिए अब दूसरों को भी मौका दीजिए। विरोधियों का कहना है कि जैसा पूर्व पार्षदों के साथ किया गया ऐसा ही विधायक पर भी लागू होना चाहिए।परिवार-वाद का लग रहा आरोप : इंदौर-4 की विधायक मालिनी गौड़ पर परिवार-वाद का आरोप लग रहा है। विरोधियों का कहना है कि इंदौर 4 पर पहले 15 साल लक्ष्मण सिंह गौड़ ने चुनाव लड़ा। उनके बाद यहां से 15 साल से उनकी पत्नी मालिनी गौड़ को टिकट दिया जा रहा है। वहीं अब विधायक मालिनी गौड़ का स्वास्थ्य उनका साथ नहीं दे रहा है तो वह अपने बेटे एकलव्य गौड़ के लिए टिकट मांग रही हैं। इस सीट पर 1993 से गौड़ परिवार ही चुनाव लड़ रहा है।पार्षद का चुनाव गलत लोगों को लड़वाया : 2022 में हुए निकाय चुनाव को लेकर विरोधियों का कहना है कि मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने ऐसे लोगों को पार्षद का टिकट दिलाया जो बीजेपी के मूल कार्यकर्ता नहीं है। पार्षद का टिकट पाने वाले लोग उनके घर के और उनके यहां पर काम करने वाले लोग हैं। जिस वजह से इंदौर 4 में बीजेपी का संगठन पूरी तरह से खत्म हो गया है। इंदौर-4 में हिंद रक्षक व गौड़ के समर्थक बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हावी हो रहे हैं।गुंडागर्दी का परिवार पर लग रहा आरोप : विरोधियों का कहना है कि मालिनी गौड़ सेहत कारणों से बेटे एकलव्य गौड़ को टिकट दिलाना चाहती हैं। वहीं बेटे के खिलाफ राज्यसभा सांसद मेघराज जैन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं बड़े ही दुख के साथ लिख रहा हूं की इंदौर में गौड़ परिवार को टिकट नहीं दिया जाए। वहीं जैन ने विधायक गौड़ व उनके परिवार पर भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकाने व दुव्र्यवहार के गंभीर आरोप भी लगाए हैं।15 साल से एक ही विधायक : 2008 यानी पिछले 15 साल से मालिनी गौड़ यहां से विधायक है। इसके साथ ही वह एक बार महापौर भी रह चुकी हैं। विरोधियों का कहना है कि कब तक एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाता रहेगा। दूसरे कार्यकर्ताओं को कब मौका मिलेगा।सीएम के सामने दोनों पक्षों की तरफ से लगे नारेबीजेपी सूत्रों ने बताया कि इंदौर एयरपोर्ट पर जब सीएम पहुंचे और कार्यक्रम स्थल के रवाना हुए तब इंदौर-4 के कार्यकर्ताओं ने सीएम से मिलने की मांग की। लेकिन सीएम को कार्यक्रम में जाने में देरी हो रही थी इसलिए वह एयरपोर्ट से जाने लगे तभी विरोधियों में से किसी ने चिल्लाकर कहा कि सीएम साहब कार्यकर्ताओं की सुन नहीं रहे, धृतराष्ट्र बन गए। जिस पर सीएम बोले की कार्यकर्ताओं की सुनने तो आए हैं। तभी किसी अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि क्या 8-10 कार्यकर्ता मरेंगे तब हमारी सुनी जाएगी। वहीं इस दौरान मालिनी गौड़ समर्थक जोर-जोर से जय श्री राम के नारे लगाने लगे।-वर्तमान विधायक के कारण जीत का मार्जिन लगातार हो रहा कमकेन्द्रीय खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड बोर्ड की डायरेक्टर और पूर्व इंदौर महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष ज्योति तोमर ने बताया कि विधानसभा 4 को बीजेपी की अयोध्या कहा जाता है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने ही इंदौर-4 को अयोध्या बनाया है। आज इंदौर-4 के बीजेपी के कार्यकर्ता सीएम शिवराज सिंह चौहान से इंदौर एयरपोर्ट पर मिले और हमने उन्हें बताया कि 6 बार विधायक टिकट और 1 बार महापौर का टिकट गौड़ परिवार को मिल चुका है, तो अब अन्य बीजेपी कार्यकर्ता को मौका मिलना चाहिए। इसलिए अब टिकट में परिवर्तन होना चाहिए। वहीं सीएम ने हमारी पूरी बात सुनी और वह 2 घंटे लेट होने की वजह से एयरपोर्ट से निकल गए। इस दौरान गौड़ समर्थक लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए।वहीं पूर्व पार्षद पति अखिलेश तिवारी ने बताया कि इंदौर 4 में यह स्थिति है कि कांग्रेस का घर ढूंढना पढ़ता है। यहां पर वर्तमान विधायक का अभी बहुत विरोध है। बीजेपी किसी और को चेहरा बनाए तो जीत का मार्जिन 1 लाख से ज्यादा का हो सकता है। लेकिन गौड़ के कारण यह लीड लगातार कम हो रही है। इसलिए अब परिवर्तन होना बहुत जरूरी है। जो भी यहां से चुनाव लड़ेगा वह निश्चित ही जीतेगा।पूर्व पार्षद देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी ने लखन दादा को टिकट दिया था तब हमने उनके साथ मिलकर काम किया। इंदौर-4 से किस को भी लड़ा दो तो वह जीत जाए। अब किसी नए को मौका मिलना चाहिए। लखन दादा को 15 साल और भाभी को भी 15 साल हो गए हैं। पूर्व नगर अध्यक्ष ने तीन बार पार्षद बनने के बाद चौथी बार यह कहते हुए टिकट लेने से मना कर दिया था कि अब नए को मौका मिलना चाहिए। तो ऐसी भावना सभी में होना चाहिए।-सीएम से विरोध करने में इन लोगों का नाम आ रहा सामने, कोई खुलकर तो कोई परदे के पीछे से कर रहा विरोधसीएम से इंदौर-4 के टिकट के मामले पर मिलने वालों जो नाम सामने आ रहे है उसमें प्रमुख रूप से ज्योति तोमर, राजेश आजाद, जवाहर मंगवानी राजेश शुक्ला, घनश्याम शेर, देवेंद्र सिंह रावत, वैभव शुक्ला, देवकी नंदन तिवारी, वीरेंद्र त्रिपाठी, प्रकाश पारवानी, राजेश जैन, सचिन जैसवानी, सन्नी टुटेजा, जगदीश सोलंकी, आदर्श सचान, निर्मला राजानी अन्य कार्यकर्ता पदाधिकारी है। जो विधायक गौड़ खेमे के विरोधी है। इनमें से कुछ नेता गौड़ परिवार का खुलकर तो कोई नेता परदे के पीछे से विरोध कर रहा है। हालांकि विधायक समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि सीएम शिवराज ने बाद में बात करने का कहकर टाल दिया।1993 से इंदौर 4 पर गौड़ परिवार का कब्जा- 1993 में लक्ष्मण सिंह गौड को पहली बार टिकट मिला उन्होंने कांग्रेस के उजागर सिंह को 28 हजार 109 वोट से हराया।- 1998 में लक्ष्मण सिंह गौड़ ने गोविंद मंगवानी को 16 हजार 157 वोट से हराया।- 2003 लक्ष्मण सिंह गौड़ ने 45 हजार 625 वोट से ललित जैन को हराया।- 2008 मालिनी गौड़ ने 28 हजार 43 वोट से गोविंद मंगवानी को हराया।- 2013 मालिनी गौड़ ने 33 हजार 823 वोट से सुरेश मिंडा को हराया।- 2018 मालिनी गौड़ ने 43 हजार 90 वोट से सुरजीत सिंह चड्ढा को हराया।




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