(इंदौर) झूठे केस में फंसे मंत्री को दनेा पड़ा था इस्तीफा
- 01-Nov-23 12:00 AM
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इंदौर,01 नवम्बर (आरएनएस)। प्रदेश में एक मंत्री ऐसे भी रहे जिन्हें एक झूठे केस में फंसाकर मंत्री पद गंवाना पड़ा। हालांकि जब कोट्र से राहत मिली तो उन्हें फिर से मंत्री पद मिल गया। यह बात जून 2010 की है। उस समय अनूप मिश्रा शिवराज सरकार में मंत्री थे। ग्वालियर के पास बेलगांव में उनका कालेज था। इसी कालेज की चाहारदीवारी को लेकर हुए विवाद में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस समय यह घटनाक्रम हुआ उस दौरान मंत्री मिश्रा उज्जैन में कलेक्टर के साथ मीटिंग कर रहे थे, जबकि उनका बेटा ट्रेन में था। चूंकि मामला मंत्री के कालेज से जुड़ा था तो मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। तत्कालीन गृह राज्यमंत्री नारायण सिंह कुशवाहा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा भी उस गांव में पहुंच गए। मंत्री मिश्र, उनके पुत्र और स्वजन के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर दिया गया। चार माह बाद अनूप मिश्रा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार और पुलिस की मनमानी रिपोर्ट पर फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि कैसे किसी मंत्री को पुलिस जबरदस्ती फंसा सकती है। कोर्ट का आदेश आने के बाद अनूप मिश्रा को फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। अनिल पुरोहित
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