(इंदौर) भोपाल की गद्दी के लिए मुरैना में कांटे की लड़ाई, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री तोमर को क्यों बना कैंडिडेट?
- 03-Nov-23 12:00 AM
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इंदौर,03 नवम्बर (आरएनएस)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में यह धारण बन गई है कि इस बार भोपाल का रास्ता उने जिले से ही होकर निकलेगा। वर्षों से खुद को उपेक्षित मान रहे जिले के लोग इसी धारणा की वजह से इस चुनाव मेंखुद को अहमियत साबित करने के लिए पूरी राजनीति-गणना केसाथ उतरने की मंशा दिखा रहे हैं। इसने कांग्रेस और उसके गणित को उलझा कर रख दिया है। पिछली बार मुरैना की सभी छह सीटों पर कांगे्रेस के कब्जा किया था। इस बार चुनौती गढ़ बचाने की है। इस इलाके से सांसद और केंद्र में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को मैदान में उतार दिया है। जिले में मुरैना, दिमनी, अंबाह, सबलगढ़, जौरा, सुमावली, सीटें हैं। दिमनी विधानसभा क्षेत्र से तोमर पार्टी के उम्मीदवार हैं। उनकेआने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। मुरैना के मुकेश बघेल का दावा हे कि अगर प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी तो तोमर ही सीएम बनेंगे। इससे पूरे इलाके को फायदा होगा। वर्षों में जो विकास मुरैना का नहीं हुआ वह होगा। इस भावना का फायदा उठाकर नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा इस जिले की सभी सीटों पर वापसी करना चाहती है। मगर, उनकी बात से उनके ही साथ खड़े गणेश यादव सहमत नहीं दिखते हैं। वह कहते हैं कि जब तोमर के हाथ में कुछ था तो उन्होंने कुछ किया नहीं अब क्या उम्मीद है। तोमर कृषि मंत्री हैं और मुरैना के लोगों को सुबह चार बजे लाइन में लगकर खाद लेनी पड़ती है। मुरैना स्टेशन पर कोई अच्छी ट्रेन नहीं रुकती है। तोमर मुरैना छोड़कर ग्वालियर रहते हैं तो फिर वे कैसे अपने इलाके की बेहतरी के िलए सोचेंगे।
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