(इंदौर) सयुपर कॉरिडोर की जमीन की मालिकाना हक की लड़ाई बढ़ी

  • 08-Oct-23 12:00 AM

इंदौर,08 अक्टूबर (आरएनएस)। इंदौर विकास प्राधिकरण ने जिस जमीन पर सुपर कॉरिडोर बनाया है उसका बड़ा हिस्सा वन विभगा का है ओर वन विभाग अपेन हक के लिए प्राधिकरण के खिलाफ चीफ सेक्रेटरी का दरवाजा खटखटा रहा है। वन विभगा का कहना है कि उसकी अनुमति के बिना ही प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर बना दिया है। सुपर कॉरिउोर दो हिस्सों में बना है। उज्जैन रोड से देपालपुर रोड और देपालपुर रोड से दिलीप नगर के बीच। इसमें वन विभगा की जमीन भी शामिल है। सड़क के बनने के कई साल बाद अब जाकर वन विभगा अपनी जमीन का हक जताता फिर रहा है। मामले में वन विभाग ने चीफ सेक्रेटरी को प्राधिकरण की शिकायत की। बताया है कि हमारी जमीन पर यह सड़क बनाई गई है। इसकी हमसे कोई भी अनुमति नहीं ली गई। दूसरी ओर प्राधिकरण कहता है कि यह जमीन कलेक्टर के द्वारा राजस्व विभाग से मिली है। हमने किसी की जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया है। इससे पहले भी यह मामला कोर्ट गया, यहां से निर्देश हुआ कि दो विभागों का मामला है। चीफ सेक्रेटरी के अधीन हाई पावर कमेटी बना कर निर्णय करे। फिलहाल हाई पावर कमेटी के निर्णय का इंतजार है। इसके बाद तय होगा जमीन का असली मालिक कौन होगा। प्राधिकरण ने वन विभाग की करोड़ों रुपए मूल्य की करीब छह हेक्टयर बेशकीमती जमीन पर सुपर कॉरिडोर से धार रोड को जोडऩे वाली सड़क बनी है, वह सरकारी रिकार्ड में वन विभाग के नाम पर दर्ज है। जमीन को लेकर एक ट्रस्ट ने भी कोर्ट में केस लगाया था, लेकिन वह कोर्ट केस हार गया




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