(उज्जैन)उज्जैन में अघोरीÓ बनकर छुपा था राजस्थान का आरोपी; बनारस, असम, पश्चिम बंगाल को ठिकाना बनाया

  • 29-Jul-25 12:00 AM

उज्जैन 29 जुलाई (आरएनएस)। राजस्थान का हेरोइन (चिट्टा) तस्कर उज्जैन में अघोरीÓ बनकर रह रहा था। हुलिया के साथ ही उसने नाम भी बदल लिया था। पिछले ढाई साल से राजस्थान पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। सोमवार को पुलिस ने उसे उज्जैन से गिरफ्तार किया।पुलिस उसे हनुमानगढ़ (राजस्थान) लेकर आई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि सिद्धि प्राप्ति के लिए उसने बनारस, उज्जैन (महाकाल मंदिर), कामख्या मंदिर (असम), वीरभूम (पश्चिम बंगाल) के तारापीठ मंदिर इलाके में 100 से ज्यादों शवों के साथ तंत्र साधना की।हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक हरिशंकर ने बताया- 14 मार्च 2023 को हनुमानगढ़ टाउन पुलिस ने नवीन कुमार निवासी चोहिलावाली (हनुमानगढ़), ताराचंद और सुरेन्द्र कुमार उर्फ छिन्दा (हनुमानगढ़) को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 115 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) मिला था।आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि मादक (नशीला) पदार्थ पूर्णराम शर्मा उर्फ पूर्ण अघोरी (40) निवासी विजयनगर (श्रीगंगानगर) से खरीदा था। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए। इसकी भनक उसको लग गई और वह फरार हो गया।टाउन (हनुमानगढ़) थानाधिकारी सुभाषचंद्र के अनुसार, फरारी के बाद पूर्णराम ने अपनी पहचान बदल ली। वह अघोरीÓ वेश धारण कर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर रहने लगा। सबसे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर इलाके को भी उसने ठिकाना बनाया। वह पूर्णराम अघोरीÓ के नाम से तंत्र साधना करता रहा। यहां उसने चेले बनाने भी शुरू कर दिए थे।इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के तारापीठ वीरभूमि, कामाख्या, गुवाहाटी (असम) के नीलांचल पर्वत और काशी (वाराणसी) स्थित काल भैरव मंदिर इलाके में भी साधना करता रहा। बाद में वह दोबारा उज्जैन आकर रहने लगा था।थानाधिकारी ने बताया पूर्णराम उर्फ पूर्ण अघोरी (40) पुत्र प्रेमसुख शर्मा, वार्ड नंबर तीन, चक 26 जीबी, थाना विजयनगर, जिला श्रीगंगानगर का रहने वाला है। उसके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत पहले से दो मामले दर्ज हैं। वह श्रीगंगानगर जिले में कई मामलों में वांछित था।




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