(उज्जैन)जीरो पॉइंट ओवरब्रिज पर आत्महत्या की कोशिश, युवक को समय रहते बचा लिया

  • 23-Jun-25 12:00 AM

पुलिस ने पूछा तो खुद का नाम, मां का नाम और पिता का नाम गंगा बतायाउज्जैन, आरएनएस, 23, जून। जीरो पॉइंट ओवर ब्रिज पर एक युवक ने आत्महत्या करने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि हीरा मिल की चाल के लोगों ने मौके पर पहुंच कर उसे पकड़ लिया। जरा सी देर हो जाती तो जीता जागता वह युवक लाश में तब्दील हो जाता। माधव नगर और देवासगेट पुलिस को सूचना दी गई। देवासगेट पुलिस उसे अपने साथ ले गई। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से कमजोर है। थाने में भी अजीबो-गरीब तरीके से बड़बड़ा रहा था। उसे छोड़ दिया गया है।मौके पर मौजूद हीरा मिल की चाल के लोगों की मानें तो रविवार शाम करीब 6 बजे एक युवक ब्रिज से नीचे कूदने की कोशिश कर रहा था। उसने दो-तीन बार कोशिश की लेकिन उसका पैर फिसल रहा था। उस समय बाबा की दरगाह के पास पान की गुमटी पर खड़े लोग बतिया रहे थे। इसी बीच एक की नजर उस पर पड़ी। उसने वहां खड़े अन्य लोगों से कहा कि कोई व्यक्ति ब्रिज से कूदने की कोशिश कर रहा है। वहां खड़े सभी लोग उसके पास पहुंचे। उसे ब्रिज की रेलिंग से उतारा और पूछताछ की। संभवत: वह नशे की हालत में था और खुद को बीना का निवासी बता रहा था। इसी बीच वहां भीड़ लग गई। किसी ने माधव नगर और किसी ने देवासगेट पुलिस को सूचना दे दी।दोनों थानों की चीता पार्टी पहुंचीदेवासगेट पुलिस के अनुसार किसी व्यक्ति का फोन आया था। बताया गया कि कोई युवक जीरो पाइंट ब्रिज पर चढ़ा हुआ है। संभवत: वह आत्महत्या करना चाहता है। उसे पकड़ लिया गया है। यहां से चीता पार्टी को भेजा गया। उधर माधव नगर थाने से भी चीता पार्टी पहुंच गई। ब्रिज की रेलिंग पर चढ़े युवक को सुरक्षित उतार लिया गया।वह बोला- यह थाना और बस मेरी हैदेवासगेट पुलिस के अनुसार युवक को थाने लाया गया। यहां उससे उसका नाम पूछा तो गंगा बताया। जब पिता का नाम पूछा तो बोला गंगा। मां का नाम पूछा तो कहने लगा, गंगा। गंगा मेरी मां का नाम। इसके अलावा वह थाने में जितनी देर रहा बड़बड़ाता ही रहा। कहने लगा कि यह थाना मेरा है। सामने जो बस खड़ी है वह भी मेरी है। जाहिर है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था। न अपना सही नाम बता पाया और न ही पता। इसलिए उसे छोड़ दिया गया।इलाके में पहले कभी नहीं देखाब्रिज से कूदने की कोशिश करने वाले युवक के बारे में पता चला है कि वह संभवत: यहां का नहीं है। इससे पहले वह देवासगेट, चामुंडा चौराहा और आसपास के इलाके में कभी नहीं देखा गया। बीना का उसने क्यों बताया, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है। हीरा मिल की चाल के लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए उसे बचा लिया। किसी ने भी अपना नाम नहीं दिया। लोगों ने इतना कहा कि हमने अपना फर्ज निभाया है। यदि उस पर नजर नहीं पड़ती तो शायद वह नहीं बचता। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई लोग इस ओवरब्रिज से कूदने की कोशिश कर चुके हैं, एक महिला की मौत भी हो चुकी है।




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