(उज्जैन)मॉनिटरिंग सिस्टम के बलबूते पर जीता पुरस्कार
- 18-Jul-25 12:00 AM
- 0
- 0
शहर के लोगों की जागरुकता ने भी कमाल किया06 झोन91 गाडिय़ां100 ड्राइवर2561 सफाई मित्रउज्जैन, आरएनएस, 18, जुलाई। इंदौर के बाद अपने शहर को भी जश्न मनाने का मौका मिला। राष्ट्रपति के हाथों सिर्फ महापौर, नगर निगम सभापति और निगम आयुक्त ही नहीं पूरा शहर सम्मानित हुआ। उस शहर के लोग जिन्होंने गाडिय़ों के लिए कचरा तैयार रखा। कैलाश खेर का गीत सुनाती हुई गाड़ी के आने पर कचरा हाथ में ली हुई महिलाएं, बच्चे और पुरुष हर गली और मोहल्लों में दिखाई देते हैं। इसी जागरुकता का परिणाम पुरस्कार है। गाड़ी के न आने पर शिकायत करना और समाधान न होने पर फिर शिकायत करना। इसी का प्रतिफल है पुरस्कार। खास बात यह कि सख्ती और भय के कारण भी पुरस्कार मिला है। यदि गाडिय़ों में जीपीआरएस सिस्टम न लगा होता और मॉनिटरिंग नहीं की जाती तो यह पुरस्कार नहीं मिलता।ग्लोबल प्रायवेट लिमिटेड के इंचार्ज पारस जैन ने बताया कि हम तीन साल से प्रयास कर रहे थे कि पुरस्कार हमें मिले। कंपनी का यही लक्ष्य था कि कचरा कलेक्शन में हमारी स्थिति बेहतर हो। शहर को 6 झोन में बांटा गया है। हमारे पास 91 गाडिय़ां और 100 ड्राइवर हैं। प्रत्येक गाड़ी पर एक हेल्पर लगाया गया है। सभी वार्डों में गाडिय़ां दो शिफ्ट में चलाई जाती हैं। सुबह 7 से 10 और शाम को 7 से 10 बजे तक कचरा कलेक्ट किया जाता है। गऊघाट और गोंदिया प्लांट पर जाकर डंप करती हैं। शहर में 2561 सफाई मित्र हैं। इनके प्रयास भी सराहनीय रहा है। नगर निगम ने ट्रिपल आर पर काम किया। रि-साइकल, रि-यूज और रि-ड्यूज। यह प्रयोग सफल रहा।पुरस्कार के हकदार शहर के लोगपारस जैन ने बताया कि पुरस्कार के असल हकदार शहर के वे जागरुक लोग हैं जो कचरा गाड़ी के न पहुंचने पर शिकायत करते थे। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। शिकायत मिलने पर उस इलाके में तत्काल गाड़ी भेजी गई और समाधान किया गया। दूसरा कारण यह भी रहा कि कंपनी की ओर से गाडिय़ों में जीपीआरएस सिस्टम लगाया गया। साफ्टवेयर इंजीनियर अमय सिंह ठाकुर को प्रोजेक्ट हैड बनाया गया। सिस्टम पर यह पता लग जाता है कि कौनसी गाड़ी किस रूट पर खड़ी और कितनी देर रुकी है। साफ्टवेयर केे जरिए गाडिय़ों की मॉनिटरिंग की गई। इसका परिणाम यह निकला कि गाडिय़ां कॉलोनियों और मोहल्ले में समय पर पहुंची।अपने शहर के लिए गर्व की बात है: यादवनगर निगम की सभापति कलावती यादव ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलना पूरे शहर के लिए गौरव की बात है। सभी ने मिलजुल कर प्रयास किए। जनता की जागरुकता और टीम के सदस्यों ने बेहतर काम कर अपने शहर को गौरवान्वित किया है। हमारा लक्ष्य यही है कि हम स्वच्छता की हर श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त करें।सभी ने टीम भावना से काम किया: पाठकनगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होना अविस्मरणीय पल था। यह पल हमेशा याद रहेगा। यह पुरस्कार शहर के लोगों को समर्पित है। सभी लोगों ने टीम भावना से काम किया। कचरा कलेक्शन में हमने बैंचमार्क बनाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारा मॉनिटरिंग सिस्टम बेहतर रहा।हर झोन में जाकर देखते रहेसुपरवाइजर रोहित सिंह राठौर ने बताया कि यह पुरस्कार सभी के मिलेजुले प्रयास का प्रतिफल है। ड्राइवरों में इस बात का डर रहता था कि उनकी जीपीआरएस सिस्टम से मॉनीटरिंग हो रही है। वीटीएस साफ्टवेयर से ट्रैक किया जाता है। इसलिए उन्होंने लापरवाही नहीं बरती। यदि किसी कॉलोनी में वे गलत गली में चले गए तो मोबाइल पर सूचना आ जाती थी। कारण यह है कि बहुत से इलाकों में कुछ गलियां समान हैं। एक ही गली में कभी-कभी दो गाडिय़ां पहुंच जाती थीं। सुपरवाइजर पर भी नजर रखते थे।
Related Articles
Comments
- No Comments...