(उमरिया)गौ.शालाओं को मिलने वाली राशि में होगी वृद्धि रू मुख्यमंत्री डॉण् यादव

  • 07-Mar-24 12:00 AM

प्रदेश में चौत्र माह से अगले वर्ष तक वह गौ.वंश रक्षा वर्ष मनाया जाएगासड़कों पर गायें न बैठेंए ऐसे प्रबंध करेंगेदुर्घटना का शिकार होने वाली गायों के उपचारार्थ ले जाने के लिये प्रति 50 किलोमीटर हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल की व्यवस्था होगीकुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में गौ.रक्षा संवाद में आये संपूर्ण देश से गौ.शाला संचालक और गौ.सेवकउमरिया 7 मार्च दृ मुख्यमंत्री डॉण् मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में गौ.माता और गौ.वंश के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गौ.शालाओं के बेहतर संचालन के लिए उन्हें दी जा रही राशि में वृद्धि की जाएगी। गौ.रक्षा संवाद निरंतरता होता रहेगा। इस विषय पर विचार.विमर्श की प्रक्रिया जारी रहेगीए ताकि गायों और गौ.शालाओं के बेहतर प्रबंधन के उपाय किये जा सकें। प्रदेश में चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण हटानेए प्रति 50 किलोमीटर पर सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हुई गायों को इलाज के लिए भिजवाने और सड़कों पर बैठने वाले पशुधन को बैठने से रोकने या अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिये आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जायेगी। गायों के लिए चारा काटने के उपकरणों पर अनुदान की व्यवस्था की जायेगी। पंचायतों को आवश्यक सहयोग और प्रेरणा मिलेए इसके लिए गौ.संवर्धन बोर्ड प्रयास करेगा। गायों के लिए गौ.शालाओं को प्रति गाय की राशि 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रदान की जायेगी। अधूरी गौ.शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जायेगा। नई गौ.शालाएं भी बनेंगी। मुख्यमंत्री डॉण् यादव आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में ष्मध्यप्रदेश में गौ.शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हितधारकों की कार्यशालाष् . ष्गौ.रक्षा संवादष् के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने कहा कि गौ.पालक ही गाय का महत्व समझता है। हमारे देश में गाय पालनाए गौ.शाला चलाना पवित्र कार्य है। गौ.शाला संचालन से ज्यादा बेहतर काम यह है कि घर में ही गौ.पालन किया जाये। यदि पर्याप्त जगह हैए तो गाय अवश्य पालें। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने कहा कि उनके परिवार में भी गाय पालने की पुरानी परम्परा है। आज भी वयोवृद्ध पिताए बूढ़ी गायों की सेवा करते हैं। गाय को माँ स्वरूप मानते हैं। गौ.पालक परिवार यदि गाय के दूध का उपयोग करता हैए तो सेवा में भी पीछे नहीं रहना चाहिये। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने कहा कि कृषि के साथ पशुपालन की परम्परा रही है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि गौ.वंश के सम्मान के साथ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो और गौ.शालाएं भी आत्मनिर्भर बनें। अन्य पशु अभयारणों से गौ.अभ्यारण भिन्न हैं। ये अभयारण गौ.विहार के रूप में विकसित होंए यह आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने कहा कि मंत्रि.परिषद की बैठक में इस वर्षाकाल के पूर्व सड़कों पर बैठने वाली गायों की समस्या के दृष्टिगत रखते हुए समुचित प्रबंध करने के लिये मंत्रणा की गई थी। विचार.विमर्श कर सुझाव प्राप्त करने का निर्णय हुआ था। इसीलिये आज यह कार्यशाला हुई है। इसमें विचार.विमर्श के लिए प्रतिभागी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने देव.स्थानों के संबंध में मंत्री परिषद समिति के गठन की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने गौ.रक्षा संवाद के समापन सत्र का दीप प्रज्जवलित कर मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ किया। कार्यशाला में आज दिनभर चार समूह बनाकर विषय विशेषज्ञोंए गौ.शाला संचालकोंए गौ.पालकों और प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा निराश्रित गौ.वंश और गौ.शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर विचार.विमर्श किया गया। इस अवसर पर श्री अखिलेश्वरानंद गिरिए श्री गोपालानंद सरस्वती जी महाराजए पूर्व सांसद मेघराज जैनए प्रमुख सचिव गुलशन बावराए संचालक पशुपालन एवं प्रबंध संचालक मण्प्रण्गौ संवर्धन बोर्ड एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉण् यादव को गुजरात से आए पूर्व सांसद एवं चेयरमैन राष्ट्रीय कामधेनु आयोग श्री वल्लभ भाई कठेरिया ने अपनी पुस्तक ष्कल्याण गौ.सेवा अंकष् भेंट की।पंचायत एवं ग्रामीण विकासए श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि वे स्वयं गौ.पालक हैं। इसलिये इस कार्यशाला से उनका विशेष जुड़ाव है। आज यहां इस क्षेत्र के अनेक जानकारों और विशेषज्ञों के विचार एवं सुझाव जानने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने गौ.पालन से जुड़े महत्वपूर्ण विषय पर कैबिनेट के संकल्प को पूरा किया है। कार्यशाला में प्राप्त अनुशंसाएं उपयोगी हैं। इनसे संबंधित आवश्यक निर्णय मुख्यमंत्री डॉण् यादव ने लिये हैं। निश्चित ही मध्यप्रदेश की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। पशुपालन एवं डेरी विभाग राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने कार्यशाल में प्रस्तुत सुझावों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्राप्त ठोस सुझावों पर क्रियान्वयन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉण् यादव द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएंप्रदेश में संचालित गौ.शालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। भारतीय नव वर्ष अर्थात इस चौत्र माह से अगले वर्ष तक वह गौ. वंश रक्षा वर्ष मनाया जाएगा। चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। सड़कों पर गाएं दुर्घटना का शिकार होती हैं। प्रति 50 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था होगी कि घायल गाय को इलाज के लिए आसानी से ले जाया जा सके। हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल का टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा। गौ.शालाओं को प्रति गाय 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए की राशि देय होगी। चारा या भूसा काटने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पर अनुदान की व्यवस्था होगी। इसके लिए पंचायतों को आवश्यक सहयोग किया जाएगा। अधूरी गौ.शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा से भी राशि का उपयोग होगा। नई गौ.शालाएं भी प्रारंभ की जाएंगी। गौ.वंश विहार विकसित किए जाएंगे।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment