(ऋषिकेश)इंसान होने से ज्यादा बड़ी बात इंसानियत का होना है

  • 08-Oct-23 12:00 AM

ऋषिकेश,08 अक्टूबर (आरएनएस)। संत निरंकारी मिशन की ओर से आयोजित बाल संगत में वक्ताओं ने बाल संगत से जुड़े बच्चों को संस्कारी बनने के टिप्स दिए। रविवार को संत निरंकारी सत्संग भवन गंगानगर में सत्संग में गुरु अल्का घलवान ने कहा कि बच्चों का मन कच्चे घड़े के समान होता है। उसे जैसा रूप देना चाहे, दिया जा सकता है। सही समय पर सही शिक्षा जीवन में अपना ली जाए, तो जीवन ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है। बच्चों को सत्वचनी होना चाहिए। बड़ों की आज्ञा का पालन करना, माता-पिता का सम्मान करना, प्रत्येक इंसान के साथ अच्छा और सुंदर व्यवहार करने से ही जीवन में सफल बना जा सकता हैं। गुरु की शिक्षा जीवन में उतारना और उनके अनुसार अपना जीवन जीना ही भक्ति की अवस्था है। सब कुछ होना अलग बात है। लेकिन संत होना बहुत बड़ी बात है। इस दौरान बाल संगत के बच्चों ने भागीदारी की। मंच संचालन और गीत, भजन, कविताएं एवं विचारों के माध्यम से बच्चों ने मन के भाव ईश्वर के चरणों में प्रकट किए।




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