(एमसीबी) पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की समीक्षा बैठक हुई सम्पन्न

  • 16-Oct-25 02:35 AM

० अध्यक्ष ने शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता पर दिया जोर, पिछड़ा वर्ग के लिए योजनाओं की हुई गहन समीक्षा
० समाज की सशक्तता तभी संभव जब योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे....आर.एस. विश्वकर्मा
सुरेश मिनोचा
एमसीबी, 16 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष आर.एस. विश्वकर्मा आई.ए.एस. (से.नि.) केबिनेट मंत्री (दर्जा) ने कहा कि पिछड़े वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए सभी विभागों का समन्वित प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब तक योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगा, तब तक सशक्त समाज की कल्पना अधूरी रहेगी। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में श्री विश्वकर्मा ने विभागवार योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाए। बैठक में आयोग के सदस्य यशवंत सिंह वर्मा, बलदाऊ राम साहू, हरिशंकर गुप्ता, कलेक्टर डी. राहुल वेंकट, जिला पंचायत सीईओ अंकिता सोम शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। अध्यक्ष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आयोग का गठन किया गया है। देश में जाति जनगणना की शुरुआत वर्ष 1932 में हुई थी और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलाकर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय की गई है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 95 जातियाँ अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों में 33 प्रतिशत और पंचायतों में 57 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग की है, जो समाज की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने छात्रवृत्ति, स्वरोजगार ऋण और शैक्षणिक सहायता योजनाओं की जानकारी दी, वहीं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य अंत्यावसायी सहकारी निगम के माध्यम से दी जा रही ऋण सहायता और मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। शिक्षा विभाग ने ओबीसी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, साइकिल, यूनिफॉर्म, छात्रावास एवं प्रधानमंत्री यशस्वी योजना की प्रगति बताई। कौशल विकास विभाग ने पीएम कौशल विकास योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत युवाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी दी। उद्योग विभाग ने मुद्रा योजना, लघु उद्योग विकास और औद्योगिक प्रोत्साहन कार्यक्रमों में पिछड़ा वर्ग उद्यमियों की भागीदारी पर रिपोर्ट दी। कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बागवानी मिशन, खाद्य सुरक्षा मिशन और एफपीओ योजनाओं से ओबीसी किसानों को मिल रहे लाभों की चर्चा की। महिला एवं बाल विकास विभाग ने तेजस्विनी योजना, पोषण मिशन और महिला स्व-सहायता समूहों की प्रगति साझा की। ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उपलब्धियां बताईं। नगरीय प्रशासन विभाग ने पीएम आवास (शहरी), स्लम विकास और स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिछड़ा वर्ग परिवारों को लाभांवित किए जाने का विवरण प्रस्तुत किया। स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी दी, जबकि श्रम विभाग ने निर्माण कर्मकार कल्याण योजनाओं, मातृत्व सहायता, आवास, मृत्यु अनुदान और छात्रवृत्ति जैसे कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की। पंचायत एवं ग्रामीण शासन विभाग ने ओबीसी आरक्षण, ग्राम पंचायत स्तर पर स्वशासन प्रशिक्षण और सामुदायिक भागीदारी के प्रयासों की जानकारी दी। वहीं लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन, पेयजल गुणवत्ता निगरानी और नल कनेक्शन वितरण में ओबीसी हितग्राहियों की सहभागिता पर प्रकाश डाला। मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, तालाब निर्माण सहायता और मत्स्यपालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पिछड़ा वर्ग मत्स्य पालकों को लाभांवित करने की जानकारी दी। पशुधन विकास विभाग ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन, मुख्यमंत्री गौ पालन प्रोत्साहन और बकरी पालन सहायता योजनाओं की समीक्षा की। अध्यक्ष आर.एस. विश्वकर्मा ने ओबीसी छात्रावास निर्माण प्रस्ताव शीघ्र भेजने, छात्रवृत्ति का लाभ हर पात्र विद्यार्थी तक पहुँचाने और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से अधिक लोगों को जोडऩे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाणपत्र बनाते समय क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए। समाज की आर्थिक सशक्तता के लिए सहकारी समितियाँ गठित कर चिन्हित व्यवसायों में सामूहिक कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने युवाओं से तकनीकी शिक्षा अपनाने और सरकारी योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। साथ ही अधिकारियों को गांवों में जाकर जनता से संवाद स्थापित करने और संवेदनशीलता के साथ समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। आयोग सदस्य यशवंत सिंह वर्मा ने जिले की जलवायु के अनुरूप फसलों को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक फलदार वृक्षारोपण का सुझाव दिया। बैठक में अपर कलेक्टर अनिल कुमार सिदार नम्रता डोंगरे, एडीएम लिंगराज सिदार, शशि शेखर मिश्रा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।




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