(कवर्धा) डीजे बजने पर समाज से निकाला गया परिवार, तीन साल से झेल रहा है बहिष्कार, एसपी से लगाई न्याय की गुहार

  • 30-Sep-25 10:42 AM

कवर्धा, 30 सितंबर (आरएनएस)। एक ओर भारत डिजिटल युग की ओर अग्रसर हो रहा है, वहीं दूसरी ओर गांवों में पुरानी कुरीतियां और अमानवीय परंपराएं आज भी लोगों का जीवन दूभर कर रही हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कवर्धा जिले के कुंडा थाना क्षेत्र के अखरा गांव से, जहां एक परिवार बीते तीन वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दर्द झेल रहा है। पीडि़त राजेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी और उनके परिजनों को समाज के लोगों ने गांव से सामाजिक रूप से अलग-थलग कर दिया है। आरोप है कि गांव के कथित समाज प्रमुखों ने इनके खिलाफ फरमान जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति इस परिवार को किसी समारोह में बुलाएगा, तो उस पर 51,000 और 21,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। बहिष्कार की वजह बेहद चौंकाने वाली है। बताया गया है कि राजेंद्र चंद्रवंशी ने अपने भतीजे की शादी में शामिल होकर 'डीजेÓ में हिस्सा लिया था, जबकि समाज में डीजे बजाने पर पाबंदी लगी हुई है। हालांकि, चंद्रवंशी परिवार का दावा है कि वे अपने भतीजे से बीते 20 वर्षों से अलग रह रहे हैं और शादी से उनका कोई लेना-देना नहीं था। गांव में इस परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। न दुकानदार सामान दे रहे हैं, न ही लोग बातचीत कर रहे हैं। यहां तक कि हैंडपंप से पानी भरने तक पर पाबंदी लगा दी गई है। इस सामाजिक बहिष्कार ने परिवार को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया है। आखऱिकार न्याय की उम्मीद में राजेंद्र प्रसाद अपने बेटे के साथ कवर्धा के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवाई से मिलने पहुंचे और मामले में हस्तक्षेप कर समाज में पुन: शामिल करवाने की मांग की। इस पर एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
यह घटना न सिर्फ सामाजिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गांवों में आज भी तानाशाही सोच और कुप्रथाएं किस तरह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं।
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