
(कवर्धा,) राज्यपाल रमेन डेका ने लखपति दीदियों के हुनर को सराहा, दिए आगे बढऩे के टिप्स
- 24-Sep-25 01:22 AM
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भोरमदेव में प्रदर्शनी का अवलोकन कर राज्यपाल ने दीदियों को किया प्रोत्साहित
जैविक खेती, ब्लैक राइस और पारंपरिक धान की प्रजातियों पर राज्यपाल हुए प्रभावित
स्व-सहायता समूहों की आर्थिक मजबूती से राज्यपाल डेका ने जताई प्रसन्नता
राज्यपाल रमेन डेका ने ल खपति दीदियों के स्टॉल का किया अवलोकन, आजीविका से जुड़े कार्यों की सराहना
कवर्धा, 24 सितम्बर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने बुधवार को कबीरधाम प्रवास के दौरान ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर भोरमदेव मंदिर प्रांगण में जिले की लखपति दीदियों से मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्व-सहायता समूहों के स्टॉल का अवलोकन किया और महिलाओं द्वारा किए जा रहे आजीविका आधारित कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें और आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।राज्यपाल डेका ने ढोलबज्जा की सुखिया बैगा से मुलाकात कर उनके समूह मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह द्वारा बाँस से निर्मित टोकरी, सपा एवं सजावटी सामग्रियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि समूह की मासिक आमदनी 12 से 15 हजार रुपये तक हो रही है। इसी तरह ग्राम सिल्हाटी की अन्नपूर्णा स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत में राज्यपाल ने उनके बेकरी व्यवसाय, कोदो-कुटकी से पौष्टिक उत्पाद एवं महुआ लड्डू तैयार करने की प्रक्रिया को जाना। महिलाओं ने बताया कि शासन से 3 लाख रुपये का ऋण एवं अनुदान प्राप्त हुआ है, जिससे समूह की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।राज्यपाल रमेन डेका ने एकता समूह द्वारा जैविक खेती और ब्लैक राइस उत्पादन की पहल को अभिनव बताते हुए विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि परंपरागत धान की विलुप्त होती प्रजातियों का संरक्षण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम है। समूह की महिलाओं ने जानकारी दी कि बीज उत्पादन एवं विपणन से सीजन में 2 से 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है।इसी क्रम में राज्यपाल ने अमीन माता स्व-सहायता समूह की महिलाओं से भेंट की, जो कपड़े से बैग, पर्स और थैले बनाकर बाजार में अच्छी आमदनी कमा रही हैं। उन्होंने महिलाओं से कहा कि इस तरह के उद्यम से न केवल आर्थिक सशक्तिकरण होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।राज्यपाल डेका ने इस दौरान वन विभाग की ओर से तरेगांव एवं सिंघारी समितियों के शहद संग्राहकों को सुरक्षा किट भी वितरित किए। उन्होंने समूहों द्वारा औषधीय उत्पाद, शहद और अन्य सामग्रियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और कहा कि इन गतिविधियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।राज्यपाल डेका ने लखपति दीदियों को टिप्स देते हुए कहा कि उत्पादों की गुणवत्ता और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिये। ऑनलाइन मार्केटिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ा सकते है।शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर समूहों की आय बढ़ाये, मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन आगे बढऩे के लिए मेहनत करनी होगी। पारंपरिक उत्पादों को ब्रांडिंग कर राज्य व देश स्तर पर पहचान दिलाएं।इस अवसर पर कलेक्टर गोपाल वर्मा, वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल एवं जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।ब
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