(कुशीनगर) उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मिल कर शिक्षकों एवं परिषदीय विद्यालयों की समस्यायों से कराया अवगत

  • 03-Oct-24 12:00 AM

कुशीनगर, 3 अक्टूबर (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के संरक्षक श्रीनिवास शुक्ल के नेतृत्व में प्रधानाचार्यो का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शिक्षकों की समस्यायों से अवगत कराते हुए निदान कराए जाने की मांग रखी।उक्त जानकारी प्रधानाचार्य परिषद के प्रांतीय मंत्री शैलेंद्र दत्त शुक्ल, जिलाध्यक्ष प्रधानाचार्य परिषद डा देवेंद्र मणि ने संयुक्त रूप से देते हुए बताया कि संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए मांग पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में कार्य कर रहे तदर्थ प्रधानाचार्यों को विनियमित करने में सरकार का एक पैसा अधिभार नही लगना है और दस, बारह वर्ष से कार्य कर रहे और चार पांच वर्षों में अवकाश ग्रहण करने वाले तदर्थ प्रधानाचार्य ससम्मान अवकाश ग्रहण कर लेंगे। प्रधानाचार्य परिषद ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि वर्ष 2010 से ही 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क एव अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत कक्षा 8 तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है परंतु एक भी पैसा क्षतिपूर्ति नही मिलता है। ऐसे में बेसिक की भांति जूनियर स्तर तक माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को क्षतिपूर्ति मिल जाए तो और भी बेहतर परिणाम मिलने लगेंगे। प्रधानाचार्य परिषद के शुल्क वृद्धि पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। 2010 से शुल्क वृद्धि नही की गई है। जबकि महंगाई कई गुना बढ़ गई है और नवां मद जो आकस्मिक व्यय के लिए है को सृजित करने का भी सुझाव दिया गया। इसके साथ अन्य मूल विषयों पर भी व्यापक चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के संरक्षक श्रीनिवास शुक्ल से स्वास्थ्य के बारे में कुशल क्षेम पूछा और प्रतिनिधि मंडल से मांगों पर विचारोपरांत यथोचित निदान हेतु आश्वस्त किया। प्रतिनिधि मंडल में डा तेज प्रताप सिंह, डा वीरेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री डा रविन्द्र त्रिपाठी, प्रदेश कोषाध्यक्ष मणि शंकर तिवारी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।




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