(कुशीनगर) तत्कालीन डीपीओ शशि सिंह पर गौतम बुद्धनगर मे दर्ज हुआ मुकदमा

  • 11-Oct-25 12:00 AM

0 वर्ष 2020 मे कुशीनगर मे विभाग के लिए स्टेशनरी खरीदने के बाद भुगतान नही किये जाने का मामला, कारोबारी ने लगायी थी न्यायालय में गुहारकुशीनगर, 11 अक्टूबर (आरएनएस)। जनपद में जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पूर्व में तैनात रहे शशि कुमार सिंह पर गौतमबुद्ध के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिया हैं। यह कार्रवाई स्टेशनरी आपूर्ति के बाद तत्कालीन डीपीओ कुशीनगर द्वारा बिल का भुगतान नही किये जाने के प्रकरण में तब की गयी है जब जिलाधिकारी कुशीनगर की ओर से नौ माह बीत जाने के बावजूद न्यायालय को कोई आख्या नही प्रस्तुत की गई। जानकारी के अनुसार दादरी स्थित स्टेशनरी आपूर्ति करने वाले फर्म के निदेशक विवेक गोयल ने आरोप लगाया है कि कुशीनगर जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि कुमार सिंह और अन्य सरकारी अधिकारियों ने उनकी फर्म के साथ धोखाधड़ी की है। विवेक के मुताबिक उनकी कंपनी ने वर्ष 2020 में कुशीनगर जिले की तीन तहसीलों में एल-1 कैटेगरी की स्टेशनरी की आपूर्ति की थी, जिसके लिए कुल 7 लाख 49 हजार 910 का भुगतान होना था। विवेक गोयल का आरोप है कि कुशीनगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी रहे शशि कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी लगातार नए बहाने बनाकर भुगतान टालते रहे। इसमें प्रभास श्रीवास्तव और दीपक राय सहित अन्य अज्ञात लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने भुगतान प्रक्रिया में बाधा डाली और इंदिरा भवन लखनऊ बुलाकर कमलेश गुप्ता नामक व्यक्ति के माध्यम से धोखाधड़ी की।इनसेट-- नौ माह की देरी के बाद न्यायालय का रुख हुआ सख्त-- आरोपी जिला कार्यक्रम अधिकारी आरोपित लोकसेवक है इसको ध्यान मे रखते हुए न्यायालय ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि मामला दर्ज करने से पहले जिलाधिकारी कुशीनगर से अनुमति प्राप्त की जाए। नौ माह से अधिक समय बीत जाने और नियत तिथि तक कुशीनगर के जिलाधिकारी की ओर से कोई अनुमति या टिप्पणी न्यायालय को प्राप्त नहीं हुई। नतीजतन मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि नौ माह से अधिक का समय कानूनी सीमा से कहीं अधिक है। अत: यह माना जाएगा कि जिलाधिकारी कुशीनगर की ओर से कोई आपत्ति नहीं है और स्वीकृति प्रदान की गई समझी जाएगी। इसके बाद न्यायालय ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए थाना दादरी के प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया है कि वह इस प्रकरण में तत्काल मुकदमा पंजीकृत कर विधि अनुसार विवेचना करें। वहीं, पूर्व डीपीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, किन्तु बात नही हो पायी।




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