(कुशीनगर) फाजिलनगर में दो दिवसीय सद्भावना संत सम्मेलन शुरू
- 07-Oct-25 12:00 AM
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---- भगवत कृपा, निस्वार्थ कर्म और आत्मज्ञान पर संतों ने रखे विचार।कुशीनगर, 07 अक्टूबर (आरएनएस)। जनपद के फाजिलनगर कस्बे में आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्था मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय सद्भावना संत सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। पहले दिन देशभर से आए संतों ने भगवत कृपा, मानव जीवन का उद्देश्य और निस्वार्थ कर्म के महत्व पर विस्तार से विचार रखा।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति की जिला प्रभारी महात्मा प्रज्ञा बाई ने कहा कि मनुष्य जीवन का वास्तविक उद्देश्य भगवान की प्राप्ति है। जीवन सुख और दु:ख का संगम है। लेकिन हानि-लाभ, यश-अपयश, जीवन-मरण, यह सभी विधाता के हाथ में हैं। केवल कर्म ही मनुष्य के अधिकार में है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को निस्वार्थ कर्म करते हुए जीवन जीना चाहिए। अयोध्या धाम से पधारे संत महात्मा सारथानंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि महापुरुषों के बताए मार्ग का अनुकरण करना ही सच्ची साधना है। जैसा कि कहा गया है महाजनो येन गत: स पंथा। हमें उन्हीं रास्तों पर चलना चाहिए। जिन्हें महापुरुषों ने अपनाया और दिखाया। संत अनुगीता बाई ने श्रद्धालुओं को आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि हमें समय के सद्गुरु की खोज कर आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहिए। यही मार्ग हमारे जीवन का कल्याण करेगा। इस अवसर पर भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष सत्यम शुक्ला, ग्राम प्रधान संजय चौरसिया, नागेंद्र गुप्ता, रामेश्वर सिंह, रामनाथ सिंह, हरिहर गुप्ता, मत्स्यराज सिंह, डॉ. राजेंद्र प्रजापति, शम्भू सिंह, नथुनी गुप्ता, श्रीकांत प्रजापति सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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