(कोडरमा)नीरा यादव ने 2011 से अधर में अटके लगभग 35 हजार एकड़ भूमि का मामला विधानसभा में उठाया
- 18-Dec-23 12:00 AM
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कोडरमा 18 दिसंबर (आरएनएस)। ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियमावली 147 के तहत डॉ नीरा यादव ने एक महत्त्वपूर्ण सूचना विधानसभा में प्रस्तुत की । नीरा यादव सूचना के माध्यम से सरकार को बताया कि 2011 में कोडरमा में तत्कालिन उपायुक्त ने बिना किसी कारण एवं वैधानिक प्रतिवेदन के आधार तथा बिना किसी प्रकार की जांच के मनमाने ढंग से आदेश निकाल कर जिलांतर्गत लगभग 35 हजार एकड़ गैर मजरुआ खास जमीन की क्रय विक्रय मालगुजारी, रशीद निर्गत करने,किसी प्रकार की लीज अथवा बैंक में गिरवी रखने पर रोक लगा दी गई। इन कारणों से स्थानीय हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। रोक लगाई गई सारे जमीन की प्रकृति पूर्व के जमींदारों द्वारा जमींदारी प्रथा खत्म होने के बाद रिटर्न नहीं दाखिल करने का है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि इससे सकड़ों खाता प्लॉट ऐसे भी हैं जिसमे पूर्व जमींदार के द्वारा रिटर्न भी दाखिल है। साथ ही रैयती जमीन को भी इसमें शामिल कर दिया गया है। उन्होंने सदन को कहा कि आज तक तत्कालीन उपायुक्त के उक्त आदेश और बाद में सरकार के विभिन्न आदेशों में भी ऐसे मामलों में संदिग्ध जमाबंदी का वाद खोलकर उक्त आदेश से प्रभावित लोगों के मामलों को निरस्त करने को कहा गया है, परंतु वर्तमान जिला प्रशासन और संबंधित आंचल स्तर से ऐसे मामलों पर ध्यान नहीं दिया जाना उन प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदन शून्यता प्रतीत होती है । उन्होंने बताया कि इस गंभीर तथ्यों पर सरकार अपने स्तर से एक समिति गठन कर मामले का निष्पादन करें एवं प्रभावित परिवारों को समुचित न्याय दिलावें।
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