
(कोण्डागांव) एनएच-30 की जर्जर सड़क बनी हादसों की वजह
- 07-Oct-25 01:59 AM
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0 महिला को गंवाना पड़ा हाथ
0 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किरण चतुर्वेदी ने लिया संज्ञान
कोण्डागांव, 07 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रधान जिल एवं स्थ न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव किरण चतुर्वेदी के द्वारा दिनांक 15.09.2025 एवं दिनांक 20.09. 2025 को दैनिक समाचार पत्र के पेज क्र. 11 एवं 14 में हिचकोले खाते सड़कों के बारे में प्रकाशित समाचार पत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 की खस्ता हालत के कारण आए दिन दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग (हृ॥-30) की जर्जर हालत एक बार फिर चर्चा में है. हाल ही में एक महिला की सड़क दुर्घटना में हाथ कट जाने की घटना ने क्षेत्रवासियों को झकझोर दिया है। ट्रक की चपेट में आने से ग्रामीण महिला गंभीर रूप से घायल हुई और उसे अपनी जान बचाने के लिए एक हाथ गंवाना पड़ा। स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना स्थल पर सड़क की हालत बेहद खराब थी। वह अपनी बेटी का ईलाज केशकाल स्वास्थ्य केंद्र में करवा रही थी उसी के लिए बाईक में सवार हो कर भोजन लेकर आ रही थी गहरे गड्डों और टूटी सड़क के कारण बाईक का संतुलन बिगड़ा और वह ट्रक की चपेट में आ गई। जिसे गभीर बोट आने पर तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों को उनका हाथ काटना पड़ा। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद पीडि़ता से. तालुका विधिक सेवा समिति केशकाल के द्वारा परिवार एवं पीडि़ता से मुलाकात कर क्षतिपूर्ति राशि की मांग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोण्डागांव की मदद से आवेदन प्रस्तुत किया है। एनएच-30 पर कई स्थानों पर सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है तथा आम जनता की जान जोखिम में पड़ी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि हृ॥-30 पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है. इस मार्ग को बस्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है. लेकिन इसकी हालत किसी ग्रामीण कच्चे रास्ते से भी बदतर हो चुकी है और जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। बारिश के मौसम में स्थिति और भी खराब हो गई है। कई जगहों पर सड़क पर कीचड़ और पानी भरने से दो पहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। सरकार ने रोड का नाम तो राष्ट्रीय राजमार्ग रखा है, लेकिन उसकी हालत गांव की गली से भी खराब है। ना कोई साइन बोर्ड है, ना रोशनी और अब तो जान का खतरा भी है। जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही पीडि़ता को न्याय और पर्याप्त मुआवजा दिलाने की अपील की गई है। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा दिनांक 15.09.2025 एवं 20.09.2025 के सामाचार पत्रों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन को एवं क्षतिपूर्ति के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही हेतु सचिव को निर्देशित किया गया है। विदित हो कि अधिवक्ता संघ द्वारा जर्जर सड़क के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु अतिरिक्त समय की मांग की गई है, कि विस्तृत रिपोर्ट तकनीकि व अनुबंध के आधार पर तैयार करने में और समय लग सकता है जिसे प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर दस दिवस का अतिरिक्त समय प्रदान किया गया जिससे न्यायिक विधिक कार्यवाही पुख्ता तरीके से प्राप्त किया जा सके।
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