
(कोरबा) जिला चिकित्सालय में अमृत जन सेवा समिति व छग हेल्प वेलफेयर सोसाइटी दे रही सेवा
- 06-Oct-25 12:00 AM
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० मरीजों के परिजन को 9 साल से परोस रहे नि:शुल्क भोजनकोरबा 06 अक्टूबर (आरएनएस)। चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के साथ पहुंचे परिजनों को दिन के दोनों समय के भोजन के लिए भटकने के साथ ही अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है, लेकिन जिला चिकित्सालय में मरीज के साथ पहुंचे परिजनों को भोजन के लिए भटकने की जरूरत नहीं है।दोपहर व रात को चिकित्सालय में ही उनके लिए गरम-गरम रोटी, चावल, दाल और सब्जी पहुंच जाती है। वह भी नि:शुल्क, लेकिन शर्त सिर्फ इतनी है कि भोजन के लिए उन्हें बर्तन साथ रखना और लाइन में लगना होता है।दरअसल सेवा ही परम धर्म है के उद्देश्य से अमृत जन सेवा समिति व छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा जिला चिकित्सालय में पिछले 9 वर्षों से मरीजों के परिजनों के लिए नि:शुल्क भोजन सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वयं व जनसहयोग से भोजन व्यवस्था का खर्च वहन किया जा रहा है। दिन के समय अमृत जन सेवा समिति व रात को छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य चिकित्सालय पहुंचकर भोजन बांटते हैं। प्रतिदिन करीब 300 लोगों को नि:शुल्क भोजन सेवा का लाभ मिल रहा है।कोरोना काल में भी नहीं रुकी सेवासबसे पहले 26 जनवरी 2016 को अमृत जन 2016 को अमृत जन सेवा समिति ने मरीजों के परिजनों की परेशानी को देखते हुए उनके लिए दोपहर में भोजन सेवा शुरू की। फिर भी वह रात में परेशान होते थे। सोसाइटी ने रात के समय भी भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा उठाया और 15 अगस्त 2016 से भोजन सेवा शुरू की। यह सेवा कोरोना काल में भी बंद नहीं हुई।Ó सहयोग से सेवा हुई आसानअमृत जन सेवा समिति में जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट शांतनु मित्रा, डी.आर. भास्कर, रीना वर्मा, दिनेश पटेल, एस.एन. श्रीवास, जे.के. तिवारी सहित अधिकारी-कर्मचारी जुड़े हैं, जो अपने वेतन से हर माह निश्चित राशि भोजन सेवा के लिए देते हैं। वहीं बालको, सीएसईबी के रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारी व अन्य सेवाभावी लोग सहयोग करते हैं। छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा जन सहयोग से भूखों की मदद के लिए भारत मां की रसोई चलाते हुए भोजन व्यवस्था की जाती है।
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