(कोरबा) बढ़ी माया की मुश्किल, कलेक्टर ने दिया जांच का नया आदेश

  • 23-Oct-24 12:00 AM


)

कोरबा, 23 अक्टूबर (आरएनएस)। डीएमएफ घोटाले में जेल में बंद आदिवासी विकास विभाग कोरबा की पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर की मुश्किले बढ़ती जा रही है। ईडी की विशेष अदालत ने जहां निलंबित आईएएस रानू साहू और माया वारियर को 5 नवंबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया हैं। वहीं कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने माया वारियर के कार्यकाल में केंद्र सरकार के 275 618 मद में हुए करोड़ों रूपये के घोटाले पर जांच बैठा दी है। कलेक्टर अजीत वसंत ने साफ कहा है कि जांच में जो भी कर्मचारी- अधिकारी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ पुलिस में थ्प्त् दर्ज करायी जायेगी।गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 275 618 मद अंतर्गत कोरबा जिला के आदिवासी विकास विभाग को 6 करोड़ 56 लाख रूपये का फंड जारी किया गया था। इस फंड से जिले के आदिवासी छात्रावासों में पढऩे वाले बच्चों के बेहतर मूलभूत सुविधा के साथ ही जर्जर छात्रावासों के रेनोवेशन पर पैसे खर्च करने थे। लेकिन तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर पर केंद्र सरकार के इस फंड पर भ्रष्टाचार की सेंध लगाते हुए करीब 3 करोड़ रूपये का बंदरबांट कर जमकर धांधली करने का गंभीर आरोप लग रहा है।आरोप है कि माया वारियर के तबादले के बाद इस मद से कराये गये सारे कामों की फाइल जिनमें चेक पंजी, निविदा रजिस्टर, कार्यादेश की कापी के साथ ही सारे दस्तावेज विभाग से गायब कर दिये गये। ताकि कागज में हुए करोड़ों रूपये के कार्यो का खुलासा न हो सके। आपको बता दे इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पूर्व कलेक्टर संजीव कुमार झा ने टीम गठित कर जांच के आदेश दिये थे। लेकिन जांच टीम में शामिल अधिकारियों का सुस्त रवैय्ये के कारण जांच डेढ़ साल बाद भी आज तक पूरा नही हो सका। डीएमएफ घोटाले में माया वारियर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। जिस पर कलेक्टर अजीत वसंत ने 7 सदस्यीय टीम गठित कर जांच का आदेश दिया है। कलेक्टर के इस आदेश के बाद करोड़ों के इस भ्रष्टाचार में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।दोषी पर थ्प्त् दर्ज कराया जायेगा- कलेक्टरकलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि मामला काफी गंभीर है, जिस पर जांच का आदेश दिया गया है। जांच रिपोर्ट में जो भी कर्मचारी या फिर जिला अधिकारी दोषी होगा, उसे बख्शा नही जायेगा। कलेक्टर ने साफ किया कि केंद्र सरकार के करोड़ों रूपये के फंड के दस्तावेज विभाग से गायब है। इस फर्जीवाड़े में जिस भी कर्मचारी और अधिकारी की संलिप्तता पायी जायेगी, सबसे पहले उसके खिलाफ पुलिसि में थ्प्त् दर्ज कराया जायेगा। वहीं करोड़ों रूपये के फर्जी पेमेंट भुगतान पर भी रिकव्हरी की कार्रवाई की जायेगी।दूसरी ओर प्रदेश में हुए क्डथ् घोटाले के मामले में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अधिकारी रानू साहू और माया वारियर को मंगलवार 22 अक्टूबर को म्क् ने विशेष कोर्ट रायपुरमें पेश किया। दोनों आरोपियों की 5 दिनों की कस्टोडियल रिमांड समाप्त होने के बाद कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। अब रानू साहू और माया वारियर 5 नवंबर तक जेल में रहेगी।बता दें कि रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। कलेक्टर रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में म्क् ने छापा मारा था। क्डथ् की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है. इसका प्रमाण मिलने के बाद म्क् ने माया वारियर को भी गिरफ्तार किया गया है।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment