(कोरबा) महतारी वंदन ने आर्थिक सशक्तिकरण के साथ बढ़ाया परिवार में महिलाओं का सम्मान

  • 26-Sep-25 12:00 AM

० आकांक्षी जिला कोरबा में 2 लाख 91 हजार 760 माताओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रतिमाह डाली जा रही 29.17 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता राशि, 329 हितग्राहियों के खाते में इस वजह से नहीं हो रही डीबीटी .....कोरबा 26 सितम्बर (आरएनएस )। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन ने ना केवल प्रदेश की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बना है वरन उनके जीवन में भी व्यापक बदलाव लाया है। उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार के साथ साथ परिवार में उनकी भूमिका मजबूत हुई है। आकांक्षी जिला कोरबा में इस महती योजना से 2 लाख 91 हजार 760 माताएं लाभान्वित हो रही हैं। जिनके बैंक खातों में प्रतिमाह प्रति हितग्राही 1 ' हजार रुपए की दर से कुल 29 करोड़ 17 लाख 60 हजार की आर्थिक सहायता राशि डाली जा रही। यहां बताना होगा कि अपने चुनावी जनघोषणा पत्र के मुताबिक सत्ता में आने के साथ ही छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने प्रदेश में महतारी वंदन योजना की शुरुआत कर दी। इस योजना के तहत पात्र विवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं को हर महीने 1,000 की आर्थिक सहायता डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। महतारी वंदन योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की विवाहित महिलाओं को आर्थिक सहायता देकर उन्हें सशक्त बनाना है, जिससे उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार हो और परिवार में उनका स्थान मजबूत हो। प्रदेश में 70 लाख से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही हैं। आकांक्षी जिला कोरबा की बात करें तो 29 अगस्त को जिला पंचायत में संपन्न हुई सामान्य सभा की बैठक में दी गई जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2024 -25 की स्थिति में जिले में योजना के अंतर्गत 2 लाख 95 हजार 706 आवेदन पंजीकृत हुए थे, जिसमें से 2 लाख 91 हजार 760 हितग्राहियों के बैंक खाते में हर महीने ?1,000 की आर्थिक सहायता डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में दी जा रही है। प्रतिमाह 29 करोड़ 17 लाख 60 हजार की राशि जारी की जा रही है। सालाना 350 करोड़ 11 लाख 20 हजार की राशि जारी की जा रही है। आज तक कुल 18 किश्तों में इन पात्र हितग्राहियों के बैंक खातों में कुल 525 करोड़ 16 लाख 80 हजार की राशि अंतरित की जा चुकी है। 329 पात्र हितग्राहियों के खाते में इस वजह से नहीं जा रही राशि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 329 पात्र हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि नहीं जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि क्ठज् इनएक्टिव होने ,आधार अपडेट-वेरिफाई नहीं होने एवं छच्ब्प् में सीडिंग नहीं होने की वजह से इन हितग्राहियों के खाते में क्ठज् के माध्यम से अंतरित नहीं हो पा रही है। जिले में 2185 हितग्राही मृत महतारी वंदन योजना के अंतर्गत लाभान्वित हुए 2185 हितग्राहियों की मृत्यु हो चुकी है। विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व अन्य माध्यमों से इन हितग्राहियों के मृत्यु से जुड़े दस्तावेज पुष्टिकरण के उपरांत इनके बैंक खातों में योजना के अंतर्गत दी जा रही आर्थिक सहायता राशि बंद दी है।योजना का उद्देश्य आर्थिक सशक्तिकरणमहिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करना। स्वास्थ्य और पोषण में सुधारमहिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को बेहतर बनाना।पारिवारिक भूमिका मजबूत करनापरिवार के भीतर महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना। सामाजिक समानता को बढ़ावा देनारू समाज में महिलाओं के प्रति असमानता और भेदभाव को कम करना। पात्रता निवासीमहिला छत्तीसगढ़ राज्य की मूल निवासी होनी चाहिए।विवाहित स्थितिरू योजना के तहत विवाहित महिलाएँ, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाएँ पात्र होंगी।आयु सीमाआवेदन के कैलेंडर वर्ष में 1 जनवरी को महिला की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।अन्य महत्वपूर्ण बिंदुमहिलाओं को अपना बैंक खाता रखना अनिवार्य है, संयुक्त खाता मान्य नहीं होगा।बैंक खाते को आधार से लिंक होना चाहिए और डीबीटी सक्रिय होना चाहिए। योजना की राशि महिलाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (क्ठज्) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। हितग्राहियों को स्वयं पहल करनी होगी: रेणु प्रकाशमहिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया कि पात्र हितग्राहियों के खाते में राशि सतत जारी हो रही। दिक्कतें दूर करने हितग्राहियों को स्वयं पहल करनी होगी।महतारी वंदन योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से शासन द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहायता राशि सतत रूप से जारी की जा रही है। कुछ हितग्राहियों के आधार अपडेट नहीं होने, डीबीटी इनएक्टिव होने व अन्य बैंकिंग फार्मेलिटी की वजह से इनके बैंक खातों में राशि जारी नहीं हो रही है। इसके लिए हितग्राहियों को स्वयं पहल करनी होगी। विभागीय अमले के जरिए उन्हें उचित मार्गदर्शन दिया गया है।




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