(कोरबा) विजयादशमी का पर्व जिले में परंपरा, उल्लास और आस्था के साथ मनाया गया

  • 03-Oct-25 01:15 AM

कोरबा, 03 अक्टूबर (आरएनएस)। आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयादशमी का पर्व जिलेभर में परंपरा, उल्लास और आस्था के साथ संपन्न हुआ। बुराई, अनीति और अहंकार का प्रतीक रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को अग्नि की लपटों में भस्म कर लोगों ने बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दिया।
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भव्य रावण दहन का आयोजन हुआ। खास बात यह रही कि कोरबा जिले की परंपरा के अनुरूप रावण दहन कार्यक्रम केवल दशमी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आने वाले पखवाड़े तक अलग-अलग क्षेत्रों में यह आयोजन चलता रहेगा। जिले में इस बार का सबसे बड़ा रावण का पुतला 120 फीट ऊँचा बनाया गया। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मैदान में पहुँचे। रावण की दहाड़, आँखों से चिंगारियाँ निकालना और आतंरिक आतिशबाजी जैसी विशेषताओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कोरबा के सबसे पुराने दशहरा पर्व पर पुराने बस स्टैंड परिसर में 50 फीट ऊँचे रावण का निर्माण किया गया। इसके दसों सिरों से लगातार आतिशबाजी निकलती रही, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। कोरबा नगर के महाराणा प्रताप नगर, आरएसएस नगर, शिवाजी नगर, सीएसईबी कॉलोनी, बुधवारी बाजार, ट्रांसपोर्ट नगर, सीतामढ़ी सहित कई क्षेत्रों में रावण के बड़े-बड़े पुतले तैयार कर दहन किए गए। इसके अलावा मोगरा, दीपका, कटघोरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुए। बालको नगर के रामलीला मैदान में संपन्न हुआ। नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा इतिहास में पहली बार विजयादशमी पर ओपन थिएटर में भव्य आयोजन किया गया। वाराणसी की प्रसिद्ध रामलीला मंडली ने यहाँ पाँच दिन तक रामलीला का मंचन किया। अंतिम दिन राम-रावण युद्ध के मंचन के बाद मुख्य अतिथि द्वारा रावण दहन किया गया। यह आयोजन नगरवासियों के लिए एक नया अनुभव रहा।
0

 




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment