
(कोरबा) हरदीबाजार में एसईसीएल दीपका प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों का जमकर विरोध, त्रिपक्षीय बैठक का किया बहिष्कार
- 11-Oct-25 12:00 AM
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कोरबा-हरदीबाजार 11 अक्टूबर (आरएनएस)। हरदीबाजार में आज एसईसीएल दीपका प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखने को मिली। तहसील कार्यालय में निर्धारित त्रिपक्षीय वार्ता का ग्रामीणों ने पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया।ग्रामीणों ने साफ संदेश दिया कि जब तक एसईसीएल प्रबंधन हमारी गांव हितों की मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। सुबह से ही तहसील कार्यालय गेट के बाहर सैकड़ों ग्रामीण जुटे और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है और प्रबंधन के अधिकारियों का रवैया उनके प्रति ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार ज्ञापन सौंपकर अपनी सात सूत्रीय मांगें रखी थीं, जिन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।ग्रामीणों के बीच ग्राम सरपंच लोकेश्वर कंवर, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, समाजसेवी नरेश टंडन, अजय दुबे, अनिल टंडन, विजय जायसवाल, श्याम जायसवाल और रामशरण कंवर सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। सभी ने बैठक का विरोध करते हुए कहा कि जब तक वादे पूरे नहीं, तब तक कोई वार्ता नहीं। बैठक में एसडीएम पाली, अपर कलेक्टर और एसईसीएल दीपका प्रबंधक मौजूद थे, लेकिन हरदीबाजार के ग्रामीणों ने कार्यालय में प्रवेश तक नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बैठक उनके नाम पर आयोजित की गई थी, लेकिन इसमें बाहरी लोगों को कुर्सियों पर बैठा दिया गया।बताया जा रहा है कि मालगांव और आमगांव के कुछ ग्रामीण, जिनके मकान पूर्व में अधिग्रहण के दौरान तोड़े गए थे और जिनका मुआवजा अब तक लंबित है, बैठक में पहुंचकर अपनी समस्याएँ सामने रखी। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन प्रशासनिक दबाव बनाकर जबरन सर्वे और नापी कार्य करवाना चाहता है, जबकि पूर्व अधिग्रहित गांवों में अब तक न तो उचित पुनर्वास मिला और न ही मुआवजा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मालगांव और आमगांव की तरह हमारी बस्ती को उजाडऩे नहीं देंगे। अपने हक की लड़ाई के लिए हरदीबाजार एकजुट है।ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन के वादे केवल कागजों तक सीमित हैं, जमीन पर कुछ नहीं बदला। इसलिए वे चाहते हैं कि पहले पुरानी मांगों पर कार्रवाई हो, तभी किसी नई वार्ता पर विचार किया जाएगा।
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