(कोरबा) गांधी जयंती और दशहरे पर मांस बिक्री से भड़का जनाक्रोश, पूर्व सभापति ने उठाए जिम्मेदारों पर सवाल

  • 03-Oct-25 12:00 AM

कोरबा, 03 अक्टूबर (आरएनएस)। हर वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर मदिरा बिक्री और मांस विक्रय पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाता है, ताकि इस दिन को शांति, अहिंसा और सद्भाव के प्रतीक के रूप में मनाया जा सके। लेकिन इस बार कोरबा के इतवारी बाजार में यह परंपरा टूटती नजर आई, गांधी जयंती और विजयदशमी के पावन अवसर पर बाजार में खुलेआम मांस की बिक्री होती रही, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया।पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी ने बताया कि जब वे इतवारी बाजार पहुंचे तो कई नागरिकों ने मांस बिक्री को लेकर उनसे शिकायत की। लोगों का कहना था कि प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती के दौरान मांस, मदिरा की दुकानों पर रोक लगाई जाती है, परंतु इस वर्ष प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं बरती गई। इस लापरवाही को लेकर नागरिकों में रोष व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि जो नेता स्वयं को हिंदू हितैषी और रक्षक कहते हैं, वे इस संवेदनशील अवसर पर पूरी तरह नदारद रहे। एक ओर जहां शहर में दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मांस की बिक्री से त्योहार की गरिमा को ठेस पहुंची।गांधी जयंती के दिन नेताओं द्वारा गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण तो किया गया, लेकिन उन्हीं नेताओं को बेजुबानों की हत्या और खुलेआम मांस विक्रय पर कोई आपत्ति नहीं हुई। इससे लोगों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या ऐसे प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि कार्यक्रम महज औपचारिकता भर रह गए हैं? अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और आने वाले वर्षों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।




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