
(कोरबा) दीपका एटक कार्यालय में हुई अहम बैठक, गेवरा खदान की सुरक्षा पर दिया गया जोर
- 26-Sep-25 12:00 AM
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कोरबा ,26 सितंबर (आरएनएस )। दीपका स्थित एटक कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कोल इंडिया सेफ्टी मेंबर बोर्ड के महामंत्री कामरेड सी.जे. जोसेफ विशेष रूप से उपस्थित रहे। उनके साथ एसकेएमएस एटक के महामंत्री कामरेड मास्के, डब्ल्यूयूसीएल के अध्यक्ष कामरेड अजय विश्वकर्मा, एसईसीएल एटक के महामंत्री कामरेड राजेश वर्मा एवं कल्याण समिति सदस्य भी उपस्थित रहे।बैठक में अतिथियों का गेवरा क्षेत्र में पहुंचने पर क्षेत्रीय सचिव गेवरा क्षेत्र एवं कार्यवाहक अध्यक्ष एसईसीएल एटक कामरेड दीपक उपाध्याय तथा कामरेड एल.पी. अगरिया के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर कई श्रमिक नेता और पदाधिकारी भी मौजूद थे।कोल इंडिया सेफ्टी मेंबर बोर्ड के महामंत्री कामरेड सी.जे. जोसेफ ने कहा कि गेवरा खदान विश्व की दूसरी सबसे बड़ी खदान है, लेकिन इसके अनुरूप बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) में कई गंभीर कमियां हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि गेवरा खदान में अब तक कई बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें अनेक श्रमिकों की जान जा चुकी है।महामंत्री कामरेड सी.जे. जोसेफ ने बताया कि सुरक्षा को लेकर जो दिशा-निर्देश सेफ्टी बोर्ड द्वारा दिए गए हैं, वे व्यावहारिक और प्रभावी साबित होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि इन्हें सही ढंग से लागू किया जाए तो हादसों की संभावना काफी कम हो सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसईसीएल प्रबंधन इस मामले को गंभीरता से लेगा और गेवरा खदान को और अधिक सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने गेवरा क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं पर भी चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिरता जैसे मुद्दों पर प्रबंधन और श्रमिक संगठनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एटक संगठन हमेशा से श्रमिकों की आवाज बुलंद करता रहा है और भविष्य में भी श्रमिक हितों की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाता रहेगा। बैठक के दौरान एक अहम पहलू यह भी रहा कि कई श्रमिकों ने एटक संगठन की सदस्यता ली। गोपाल यादव के नेतृत्व में इंटक के सेफ्टी पीठ कमेटी सदस्य छतराम साहू, रघुवीर दौलत, गुड्डू यादव और छेदीलाल सहित कई साथियों ने एटक से जुड़कर संगठन को और अधिक मजबूत बनाने का संकल्प लिया।बैठक में उपस्थित नेताओं ने कहा कि श्रमिक संगठनों की एकजुटता ही मजदूरों की सबसे बड़ी ताकत है। यदि सभी संगठन मिलकर काम करें तो खदानों को न केवल सुरक्षित बनाया जा सकता है, बल्कि श्रमिकों को उनके हक और अधिकार भी सुनिश्चित किए जा सकते हैं।
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