
(कोरिया)गुरु घासी दास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया के पार्क परिक्षेत्र में तबादला नीति पर उठे गंभीर सवाल
- 30-Sep-25 06:44 AM
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*रेंजर पाँच वर्षों से एक ही रेंज में पदस्थ, “ऊँची पहुँच” की चर्चा तेज़*
जितेंद्र कुमार सिंह=
कोरिया,30 सितंबर (आरएनएस):पार्क परिक्षेत्र में वन विभाग की कार्यप्रणाली इन दिनों सवालों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार यहाँ तैनात रेंजर श्री महेश टुडे पिछले पाँच वर्षों से लगातार एक ही रेंज में पदस्थ हैं। जबकि विभागीय नियम और परंपरा के अनुसार किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण सामान्यतः तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर किया जाता है। ऐसे में पाँच साल से एक ही जगह पर जमे रहना विभाग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
नियमों के बावजूद तबादला क्यों नहीं?
वन विभाग की तबादला नीति साफ़ कहती है कि लंबे समय तक एक ही पद पर रहने से प्रशासनिक असंतुलन पैदा होता है और अधिकारी/कर्मचारी पर पक्षपात के आरोप लग सकते हैं। इसी वजह से हर तीन वर्ष में तबादला सुनिश्चित किया जाता है। बावजूद इसके, संबंधित रेंजर का ट्रांसफ़र न होना कई शंकाओं को जन्म देता है।
“ऊँची पहुँच” की चर्चा
स्थानीय नागरिकों और विभागीय सूत्रों का कहना है कि रेंजर को “ऊँची पहुँच” का सहारा प्राप्त है। यही वजह है कि शिकायतों और नियमों के बावजूद उनका तबादला आज तक नहीं किया गया। लोगों का आरोप है कि यदि किसी अधिकारी को संरक्षण मिल रहा है तो यह न केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल है बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले अन्य अधिकारियों के साथ भी अन्याय है।
जनता में नाराज़गी
क्षेत्र के सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने इस मामले में नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि जब आम कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला समय-समय पर होता है, तो किसी एक अधिकारी को वर्षों तक एक ही स्थान पर क्यों टिकाए रखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि इससे विभाग के अंदर असंतुलन पैदा हो रहा है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है।
विभाग की चुप्पी
इस विषय पर जब वन विभाग के उच्च अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। विभाग की चुप्पी ने लोगों के संदेह और भी गहरे कर दिए हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
अब देखना यह है कि वन विभाग इस मुद्दे पर कब और क्या कदम उठाता है। क्या नियमों का पालन कर निष्पक्ष तबादला किया जाएगा या “ऊँची पहुँच” और प्रभावशाली संरक्षण के चलते यह मामला यूँ ही दबा रहेगा।
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