
(कोरिया)सास बहू सम्मेलन: रोचक किस्सों संग महिला स्वास्थ्य पर जोर
- 26-Sep-25 12:40 PM
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कुपोषण को भगाने में सबकी भागीदारी जरूरी – कलेक्टर
कोरिया, 26 सितम्बर (आरएनएस):जिले में शुक्रवार को एक अनोखा और रोचक आयोजन देखने को मिला, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य और पारिवारिक एकता पर गहन चर्चा हुई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बैकुण्ठपुर के मानस भवन में स्वस्थ नारी - सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत जिलास्तरीय सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया।*महिलाओं की भीड़ और उत्साह*कार्यक्रम में सुबह से ही महिलाओं की उपस्थिति और उत्साह देखते ही बनता था। पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी महिलाएं अपनी सासों और बहुओं के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं। कार्यक्रम के दौरान आत्मीय हंसी-ठिठोली और अनुभव साझा करने का सिलसिला चलता रहा, जिससे सभागार का वातावरण जीवंत और सकारात्मक बना रहा। आयोजन स्थल पर लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कराई और चिकित्सकों से परामर्श लिया।*सास-बहुओं के रोचक किस्से*सम्मेलन का सबसे आकर्षक पहलू रहा सास-बहुओं द्वारा अपने अनुभव साझा करना। एक बहू ने भावुक होकर कहा मेरी सास ने हमेशा मां जैसा स्नेह दिया, कभी भेदभाव महसूस नहीं हुआ। वहीं एक सास ने हँसते हुए कहा – मेरी बहू कभी परायी नहीं लगी, वह मेरी बेटी की तरह घर-परिवार का ध्यान रखती है।न अनुभवों ने सभागार को तालियों की गूंज से भर दिया।*कलेक्टर का प्रेरक संदेश*कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है। यदि समृद्ध कोरिया का सपना साकार करना है, तो महिलाओं का स्वस्थ, शिक्षित और सुरक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पौष्टिक भोजन को अपनाने और कुपोषण तथा बाल विवाह जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने का आह्वान किया।*विशेषज्ञों ने रखी बात*कोलकाता से आईं डॉ. मंदिरा मित्रा ने कहा कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति में पुरुषों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भेदभाव की शुरुआत घर से ही खत्म की जानी चाहिए।जिला पंचायत सीईओ आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि यह सम्मेलन केवल स्वास्थ्य जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि आपसी देखभाल और सहयोग का संकल्प भी है। उन्होंने महिलाओं से स्व-सहायता समूहों से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की अपील की।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और एमसीपी कार्ड की उपयोगिता की जानकारी दी। महिला एवं बाल विकास विभाग से एन.एस. रावटे ने बताया कि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाला यह अभियान जिले में महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।*संस्कृतिक कार्यक्रम और शपथ*कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कुपोषण और टीबी मुक्त कोरिया के लिए शपथ दिलाई गई। प्रतियोगिताओं और जागरूकता गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। नर्सिंग कॉलेज और विद्यालयों की छात्राओं तथा सास-बहुओं द्वारा नुक्कड़ नाटक और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।सास-बहू सम्मेलन की याद के रूप में सभी मुख्य अतिथियों को मोमेंटो प्रदान किए गए। छात्राओं द्वारा बनाई गई प्रेरणादायी रंगोलियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।कार्यक्रम में जिला मुख्य न्यायाधीश, महिला सेल की अधीक्षिका, जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा, उपाध्यक्ष वंदना राजवाड़े, जनप्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।
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