(कौशांबी)कौशाम्बी में बुद्ध की पावन चरण रेखाओं का स्मरणरू चरथ भिक्खवेÓ सांस्कृतिक यात्रा का आगमन
- 21-Oct-24 12:00 AM
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-22 अक्टूबर 2024 को कौशांबी पहुंचेगी चरथ भिक्खवेÓ सांस्कृतिक यात्रा, बहुजन सुख और बहुजन हित के लिए शांति का संदेशकरारी, कौशाम्बी 21 अक्टूबर (आरएनएस)। बौद्ध धर्म के अमर संदेशों का प्रचार-प्रसार करते हुए विश्व शांति और सद्भाव की ज्योति जलाने हेतु निकली चरथ भिक्खवेÓ सांस्कृतिक यात्रा 22 अक्टूबर 2024 को कौशांबी की धरती पर पहुंचेगी। यह सांस्कृतिक यात्रा बुद्ध के उपदेशों को पुनर्जीवित करते हुए समाज में शांति, मैत्री, और करुणा के संदेश को फैलाने का उद्देश्य लेकर चल रही है। सारनाथ से शुरू हुई इस पवित्र यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं, प्रो. सदानंद शाही, जिनके संग साहित्यकार, कवि, लेखक, और संस्कृतिकर्मी समाज के बहुजन हिताय और सुखाय के लिए समर्पित हैं। यात्रा का उद्देश्य और महत्व......यह यात्रा भगवान बुद्ध के उस शाश्वत संदेश पर आधारित है जिसमें उन्होंने अपने भिक्षुओं से कहा था, "चरथ भिक्खवे चारिकं बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय," अर्थात "भिक्षुओ, बहुजन के हित और सुख के लिए भ्रमण करो।" यही संदेश आज के समय में भी समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, जब विभाजन, संघर्ष और अशांति अपने चरम पर हैं। इस सांस्कृतिक यात्रा का प्रमुख उद्देश्य समाज में अहिंसा, करुणा, और सद्भाव के संदेश का विस्तार करना है। यात्रा का हर पड़ाव बुद्ध के उन स्थलों पर होगा, जहां उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने उपदेश दिए थे। यात्रा के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठियाँ, और संवाद सत्र शामिल होंगे। कौशाम्बी में आगमन और कार्यक्रम 22 अक्टूबर की शाम यह यात्रा कौशांबी में प्रवेश करेगी, और 23 अक्टूबर को घोषिताराम विहार में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें शांति, करुणा और मैत्री पर विशेष चर्चा होगी। सभी स्थानीय नागरिकों से इस पवित्र यात्रा में शामिल होने की अपील की गई है। यह यात्रा न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो शांति और सद्भाव के सिद्धांतों में आस्था रखता है। यात्रा के मुख्य पड़ाव.........सारनाथ से आरंभ होकर यह यात्रा बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, केसरिया, कुशीनगर, लुम्बिनी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती और कौशांबी होते हुए पुन: सारनाथ में समाप्त होगी। हर पड़ाव पर बुद्ध के अमर संदेशों का प्रचार होगा, जिससे मानवता को करुणा और मैत्री का मार्ग दिखाया जाएगा। यह यात्रा न केवल बुद्ध के पदचिन्हों का अनुसरण करती है, बल्कि आत्मचिंतन और वैश्विक सौहार्द की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। चरथ भिक्खवेÓ यात्रा बुद्ध के शांति, करुणा, और सह-अस्तित्व के संदेश को आज के समाज में पुन: जीवंत कर रही है। बुक योर न्यू टीचर डिजीटल कम्युनिटी के क्यूज प्रतियोगिता में सरस्वती शिक्षण संस्थान के छात्रों ने मारी बाजी बारा कौशाम्बी। बुक योर न्यू टीचर डिजीटल कम्युनिटी के ऑनलाइन क्यूज प्रतियोगिता में सरस्वती शिक्षण संस्थान के छात्रों ने मारी बाजी इस प्रतियोगिता में चयनित हुए उच्च स्तरीय प्रतियोगिता में सरस्वती इंटर कालेज की छात्रा अंशिका ने तीसरा स्थान,अजय कोटार्य ने चैथा स्थान ,रक्षा मिश्रा ने पांचवां स्थान,आर्यन यादव ने सातवां स्थान और जया पाल ने नौवा स्थान प्राप्त किया।सभी चयनित प्रतिभागियों को बुक योर न्यू टीचर टीम द्वारा छात्रों को सार्टिफिकेट विद्यालय समिति द्वारा चयनित प्रतिभागियों को देकर सम्मानित किया गया।यह क्यूज प्रतियोगिता प्रत्येक माह की 13 तारीख को ऑनलाइन आयोजित की जाएगी , यह प्रतियोगिता सरस्वती शिक्षण संस्थान विजिया चैराहा में प्रथम बार आयोजित हुई थी।जिसमे छात्र छात्राओं सहित अध्यापक अध्यापिकाओं में उत्साह दिखा ।वही प्रबंधक राजेश सिंह ने बताया इस प्रकार की प्रतियोगिता से बच्चों में उत्साह दिखता है और इसके परिणाम प्रभावी होते हैं।
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