क्या रोहित और विराट अगला विश्व कप खेलेंगे? गौतम गंभीर के जवाब से उठे सवाल
- 15-Oct-25 03:49 AM
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तिल्हापुर मोड़, कौशाम्बी। विकास खण्ड नेवादा के नूरपुर हाजीपुर गांव में रामलीला के छठे दिन सीता स्वयंवर में भगवान शिव का धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम व श्रीराम के विवाह का मंचन किया गया।मंचन देख दर्शक खुशी से झूम उठे।नूरपुर हाजीपुर गांव में चल रही रामलीला में महामुनि विश्वामित्र भगवान राम और लक्ष्मण को राक्षसों का संघार करने के लिए अपने साथ लेकर जंगल में गए। इस समय जनकपुर में विदेह राजा जनक ने सीता के स्वयंवर का आयोजन किया। राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र को भी आमंत्रित किया। आमंत्रण पाकर राम लक्ष्मण के साथ विश्वामित्र भी स्वयंवर में पहुंचे। देश के कोने-कोने से राजाओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन किसी ने धनुष को हिलाया तक नहीं। विश्वामित्र के आदेशानुसार राम ने धनुष को तोड़ दिया। धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम और लक्ष्मण से संवाद हुआ श्रीराम के प्रार्थना करने पर परशुराम शांत हुए। उसके बाद सीता ने राम को वरमाला डाली। राजा दशरथ को बारात लेकर आने का न्योता राजा जनक ने दिया। भरत और शत्रुघ्न के साथ राजा दशरथ जनकपुर बारात लेकर पहुंचे और सीता-राम का विवाह बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। ग्रामवासी सहित मेला कमेटी के पदाधिकारियों ने भगवान राम व सीता का पांव पूजा और उसके बाद बारात की विदाई हुई। राजा दशरथ अपनी बहू के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गए। इस मौके पर कमेटी के तमाम पदाधिकारी व पुलिस बल मौजूद रहे।
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