(कौशांबी)नफरत से दूर रहने वाला इंसान ही जन्नत का हकदार-मौलाना जफर
- 21-Oct-24 12:00 AM
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चायल, कौशाम्बी 21 अक्टूबर (आरएनएस)। मनौरी गांव में रविवार की रात ईद जश्न मिलादुन्नबी के मौके पर जलसे का आयोजन किया गया। सबसे पहले हाफिज नूर अहमद साहब ने कुरान की तिलावत से जश्न का आगाज किया।मनौरी गांव निवासी गुलाम रसूल के मकान पर जलसे में तकरीर करते हुए हाफिज मोहम्मद शरीफ ने अपनी तकरीर में कहा कि मुसलमानों में शादी ब्याह के मौके पर डीजे बजाना चलन सा है। इस गंदी प्रथा को तत्काल समाप्त कर दे। फिजूलखर्ची से दूरी बनाये और डीजे, साउंड बजाने को बिल्कुल समाप्त कर दिया जाए। अपने मस्जिद के इमामों की कदरदानी करो। क्योंकि मस्जिद के इमाम ही हमें अच्छाई पर चलने का रास्ता दिखाते है। हम सब का फर्ज बनता है कि हम भी उनकी इज्जत करे। यह मस्जिद के इमाम ही कल खुदा के बारगाह में कयामत के दिन आप की सिफारिश करेंगे। मौलाना जफरी अकील ने कहा कि हसद से हर मोमिन को दूर रहना चाहिए। हसद से दूर रहने वाला इंसान ही जन्नत का हकदार है। दहेज प्रथा को खत्म करना, नशाखोरी से परहेज करना, बुराइयों से बचना आदि बातों के बारे में लोगों को समझाया। मौलाना ने खासकर शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि इल्म के बगैर दुनिया अंधेरी कोठरी है। इसलिए सभी लोग अपने-अपने बच्चों को स्कूल, मदरसा भेजकर इल्म से आरासता कराएं। इस्लाम के आखिरी नबी हजरत मुहम्मद साहब ने अपने अल्प आयु में जब अरब देशों में मानवता को कुचला जा रहा था, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे थे, इंसानों को गुलाम बनाया जा रहा था, उस समय उन्होंने मानवता के लिए जियो और जीने दो का उपदेश दिया था। हर किसी की इज्जत के साथ उसका हक मुकर्रर करते हुए सही रास्ते में चलने को कहा। कारी मुदस्सिर ने अपने पुरदर्द अंदाज में नात पेश किया। जलसे के समापन पर हाफिज मोहम्मद शरीफ ने मुल्क व कौम की तरक्की के लिए दुआ कराई।
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