(कौशांबी)म्योहरा श्रीमद् भागवत....
- 31-Oct-23 12:00 AM
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श्रीमद् भगवत कल्पवृक्ष के समान है- आचार्य अखिलेशसैनी, कौशाम्बी। दारानगर कस्बे के म्योहरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं है लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। इसके बाद उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के कुरूक्षेत्र की लीला का संगीतमयी वर्णन किया। कथा व्यास आचार्य अखिलेश महाराज ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण के कृपा को बडे ही सुन्दर ढंग से दर्शाया। कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के सामान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जाती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस लिए संसार के हर मनुष्य को अपने जीवन से समय निकालकर श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के दौरान कुरूक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा आत्मा अजर अमर है। कर्म ही पूजा है इस लिए कर्म को पूरे मन से करना चाहिए कि वह कर्म परमात्मा को समर्पित होता है। मृत्यु का भय हर व्यक्ति को होता है। संसार के निर्माण के बाद से ही जन्म और मृत्यु का चक्र चल रहा है और यह प्रकृति का नियम है। इसके बाद उन्हों ने ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। कहा कि भक्ती करनी है तो ध्रुव जैसी करो। भगवान श्री कृष्ण की लीला का वर्णन सुन दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। जय श्री कृष्ण के जयघोष से पंडाल गुंजायमान हो उठा। इस मौके पर यजमान कुसुम देवी, ओम तिवारी के साथ नमो नारायण तिवारी, अनिरूद्ध पांडेय , अतुल तिवारी, योगेन्द्र कुमार तिवारी, धर्मेन्द्र कुमार तिवारी सहित कस्बे के दर्जनों श्रोता मौजूद रहे।
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