(कौशांबी)लक्ष्मण ने खीचीं रेखा नही लांघ सके लंकापति रावण

  • 08-Oct-24 12:00 AM

छल से लंका पति ने किया सीता का हरणसुध-बुध खो दी प्रेम में झूठे बेर खिलाय, भगतन सम्मुख देख के राम नयन भर आएकौशाम्बी। मुख्यालय स्थित हिन्दु धर्म सभा श्री रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में सीता हरण सेवरी निवास का मंचन किया गया, मंचन में प्रभु श्रीराम मुनि के साथ आश्रम पहुंचते हैं। मुनि पंचवटी में कुटी बनाकर राम, सीता और लक्ष्मण के रहने की व्यवस्था कराते हैं। यहीं पर रावण की बहन सूर्पनखा आती है, लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। कटी नाक लेकर सूर्पनखा खर दूषण के पास जाती है। प्रभु राम और खर दूषण के बीच युद्ध होता है जिसमें दोनों भाइयों की मौत प्रभु राम के हाथों होती है। इसके बाद सूर्पनखा रावण के दरबार में खर दूषण के मारे जाने की सूचना देती है। लंका पति द्वारा सीता का हरण कर लिया जाता है, मंचन को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा रही।बताते चले कि मंझनपुर के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीराम लीला का मंचन किया जा रहा है। मंगलवार को सीता हरण का मंचन किया गया, मंचन में दिखाया जाता है कि लंका के राजा रावण की बहन सूर्पणखा आकाश मार्ग भ्रमण कर रही थी। अचानक वह राम, सीता और लक्ष्मण को देखती है और पंचवटी आश्रम में उतर कर राम के अनुज लक्ष्मण को विवाह करने के लिए विवश करती है, जिससे क्रोधित होकर लक्ष्मण कटार निकालकर सूर्पणखा की नाक काट देते हैं। कटी नाक लेकर सूर्पनखा खर दूषण के पास जाती है। प्रभु राम और खर दूषण के बीच युद्ध होता है जिसमें दोनों भाइयों की मौत प्रभु राम के हाथों होती है। सूर्पणखा ने घायल अवस्था में अपने बड़े भैया लंका के राजा रावण के दरबार में पहुंच कर आपबीती सुनाई। तब जाकर रावण अपने मामा मारीच को एक स्वर्ण मृग का रूप धारण करके पता लगाने को कहता है। मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण करके जैसे ही जाता है तो माता सीता राम एवं लक्ष्मण से उस मृग को पाने की इच्छा जाहिर करती है तब लक्ष्मण जी अपने आश्रम के चारो ओर एक रेखा खींचकर उस मृग का पीछा करने लगते है राम उस पर बान चला देते पर मृग अंतरध्यान हो जाता है और इधर पुकार सुन माता सीता द्वारा उन्हे विवस कर राम की सुरक्षा के लिए लक्ष्मण को भेजी है। लक्ष्मण कुटी के चारो तरफ एक रेखा खिचकर रेखा के बाहर आने से मना कर राम की सुरक्षा के लिए जाते है। रामायण कपटी साधु का भेष धरकर माता सीता का हरण कर आकाश मार्ग से ले जाता है इसी बीच रास्ते में जटायु से उसका युद्ध होता है माता सीता को बचाने के लिए जटायु अपनी जान लगा देता है रावण द्वारा तलवार से जटायु के पंख काटे जाने पर जटायु पृथ्वी पर गिर जाता रावण द्वारा जटायु के पंख काटने का मार्मिक दृश्य देखकर दर्शक भावुक हो जाते हैं। इधर श्रीराम माता सीता को खोजते हुए मतंग मुनि के आश्रम में पहुंचे। यहां श्रीराम की भेंट शबरी से हुई। सबरी ने राम को चख-चख कर झूठे बेर खिलाएं। शबरी राम को पा खुशी नही समा रही थी। शबरी के आतिथ्य से प्रसन्न हो, भगवान ने उन्हें नवदा भक्ति प्रदान की। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष आशीष केसरवानी उर्फ बच्चा, महामंत्री पंकज गामा, पंकज शर्मा, उपाध्यक्ष रूपेश शर्मा, सुशील केसरवानी, सुशील नामदेव, ज्ञानचन्द्र गुप्ता, झल्लर चौरासिया, रिंकू, सुनील, सोने लाल, रोहित गुप्ता, अजय वर्मा, चट्टू, भग्गू सहित रामलीला कमेटी के पदाधिकारी एवं आस-पास क्षेत्र के लोग मौजूद रहें। रोहित गुप्ता ने बताया कि बुधवार को बलिवध, लंका दहन, विभिषण शरणगति लीला का मंचन किया जायेगा।




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