(खरगोन)श्री नवग्रह मेला 45 दिन के लिए 10 जनवरी से आयोजित हो

  • 11-Dec-23 12:00 AM

-गोस्वामी पुन: अध्यक्ष एवम गणेश वर्मा और भगवान सोलंकी को समिति मिला स्थानखरगोन 11 दिसंबर (आरएनएस)। खरगोन निमाड़ के ऐतिहासिक 131 वे श्री नवग्रह मेले के आयोजन के निमित्त श्री नवग्रह मेला व्यापारी संघ (रजि.) की बैठक श्री नवग्रह मंदिर परिसर में वरिष्ठ व्यापारी गिरधारी गुप्ता पन्नालाल हलवाई की अध्यक्षता में रविवार अपराह्न दो बजे संपन्न हुई।मेला व्यापारी संघ के मीडिया प्रभारी दीप जोशी ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार हरीश गोस्वामी को पुन: अध्यक्ष चुना गया एवम् गणेश वर्मा (सोडा), भगवान पार्षद और नईम भाई को समिति में लेते हुए समिति का पुनरगठन किया गया। बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार श्री नवग्रह मेले के आयोजन की अवधि 45 दिवस हेतु रखी जाकर मेले से संबंधित ठेके दिए जाने की निविदाए भी 45 दिवस की अवधि हेतु आमंत्रित की जाने एवम मेला तिथि समाप्ती पश्चात व्यापारियों को सामान उठाने हेतु दो दिवस अतिरिक्त विद्युत प्रदाय किया जावे। चुकी विधान सभा निर्वाचन की आचार संहिता के कारण 5 दिसंबर तक निकायों की बैठक नही होने से परंपरागत लगने वाले मेले 7 दिसंबर बाद ही आयोजित होकर 15 जनवरी तक संचालित होंगे इस परिदृश्य में खरगोन मेला 10 जनवरी से 25 फरवरी तक आयोजित किया जावे और इस हेतु भूमि आवंटन प्रकिया 1 जनवरी से प्रारंभ कर दी जावे ताकि नगर गौरव दिवस मकर संक्रांति 14 जनवरी तक मेले में व्यापारी दुकान लगा लेवे। बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार मेले के स्वरूप और भूमि आवंटन की प्रक्रिया में कोई अमूलचूल परिवर्तन नही किया जावे। पिछले प्रशासक कार्यकाल में भूमि शुल्क में हुई भारी वृद्धि देखते इस वर्ष कोई वृद्धि नही की जाए। श्री नवग्रह मेला व्यापारी संघ की बैठक में पारित प्रस्ताव का एक मांग पत्र अध्यक्ष नगर पालिका परिषद को सोमवार व्यापारी संघ के प्रतिनिधि द्वारा सोपा जावे बैठक के अंत में मेले के सबसे पुराने व्यापारी बिहारी काका चनेवाले एवम अन्य दिवंगत व्यापारियों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मोन धारण किया गया इस अवसर पर श्री नवग्रह मंदिर के पुजारी लोकेश जागीरदार सहित मेले के व्यापारी राजू सोनी,इमरान खान,महेंद्र भावसार, पप्पु बेस्ट ,असद खान,विवेक निगम,गुड्डू गराडू,सलीम कसरावद,अजय विजय चने वाला,धर्मेंद्र गोगावां,प्रसांत बर्फ,दिनेश बर्फ,गीतेश होटल अमीर अली आदि व्यापारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।




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