(खैरागढ़) खैरागढ़: पीपल वृक्ष कटने से भड़का जनआक्रोश, ग्रामीणों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

  • 06-Oct-25 01:59 AM

खैरागढ़, 06 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम सर्रागोंदी में वर्षों से पूजनीय रहे एक पीपल वृक्ष को रातोंरात काट दिए जाने से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। यह वृक्ष गांव की धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता था और स्थानीय लोग इसे भगवान हनुमान का स्थल मानकर पूजा करते थे। घटना को लेकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह कार्य खैरागढ़ के गोलबाजार क्षेत्र के निवासी इमरान मेमन के इशारे पर कराया गया है। बताया गया कि उनकी जमीन इस स्थल के पास है, लेकिन जिस पीपल वृक्ष को काटा गया, वह सरकारी भूमि पर था और ग्रामीण परंपरा के अनुसार पूजास्थल के रूप में वर्षों से स्थापित था। ग्रामीणों के अनुसार, हर साल घोड़ा देव की पूजा के बाद इसी पीपल वृक्ष की परिक्रमा की जाती थी। उनका मानना है कि इस वृक्ष में भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव और लक्ष्मी का वास होता है। 5 अक्टूबर को आरोपी द्वारा दिन में वृक्ष को काटने की कोशिश की गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उसे रोका गया। इसके बावजूद, रात के अंधेरे में वृक्ष को पूरी तरह काट दिया गया। सुबह जब ग्रामीणों ने पूजनीय वृक्ष का ठूंठ देखा, तो गुस्से और दुख की लहर दौड़ गई। सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि यह केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की घटना नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश भी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ग्रामीणों से संयम बनाए रखने की अपील की है। ग्रामीणों ने पुलिस को सौंपे आवेदन में इमरान मेमन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पहले ही आरोपी को पेड़ काटने से रोका गया था, इसके बावजूद चोरी-छिपे यह काम किया गया, जो धार्मिक दुर्भावना का संकेत देता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस स्थान पर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जाए और आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल वृक्ष अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इसकी जड़ों में भगवान विष्णु, तने में ब्रह्मा और पत्तों में भगवान हरि का वास होता है। श्रीकृष्ण ने भी गीता में स्वयं को वृक्षों में पीपल बताया है। फिलहाल गांव में पुलिस बल तैनात है और जांच की प्रक्रिया जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अब सबकी नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।


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