(गोंडा)दबंगों ने एक महिला व उसके पुत्र पर धारदार हथियार से किया जानलेवा हमला,महिला गंभीर घायल,पुत्र की नाक जख्मी
- 13-Jul-25 12:00 AM
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:-पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता उजागरगोण्डा 13 जुलाई। जिले में एक हृदयविदारक और प्रशासनिक लापरवाही का शर्मनाक मामला सामने आया है,जिसने कानून-व्यवस्था,चिकित्सा व्यवस्था और पुलिस तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। मामला कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लालेमऊ का है,जहां दबंगों ने एक महिला के घर का छप्पर जबरन गिराने की कोशिश की और विरोध करने पर महिला और उसके पुत्र पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। शरीर के कई हिस्सों में गहरे जख्म आए और वे खून से लथपथ हालत में बेहोश होकर ज़मीन पर पड़े रहे। मौके पर पहुंची डायल 112 की पीआरवी ने किसी तरह दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज पहुंचाया,जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद गोंडा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि गोंडा जिला अस्पताल में एफआईआर दर्ज न होने के कारण डॉक्टरों ने इलाज से इनकार कर दिया। मां-बेटे की हालत गंभीर थी, फिर भी उन्हें घंटों स्ट्रेचर पर तड़पते रहने के लिए छोड़ दिया गया। डॉक्टरों और स्टाफ ने न तो भर्ती किया और न ही कोई संवेदनशीलता दिखाई। बता दें कि राज्य सरकार जहां मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा और आपात चिकित्सा सेवा की बात करती है, वहीं ज़मीनी हकीकत यह है कि पीडि़तों को सिर्फ इसलिए इलाज नहीं मिला क्योंकि उनके पास पुलिस की रिपोर्ट नहीं थी।बाक्स में लगाएं- पुलिस पर तहरीर बदलवाने का दबाव बनाने का गंभीर आरोपघटना के बाद जब परिजन कर्नलगंज कोतवाली पहुंचे और दबंगों के खिलाफ तहरीर दी, तो पुलिस ने उनकी तहरीर लेने से इनकार कर दिया। पीडि़ता का आरोप है कि पुलिस न केवल मुकदमा दर्ज करने में टालमटोल कर रही है, बल्कि उल्टा पीडि़तों पर तहरीर बदलने का दबाव बना रही है। कथित रूप से पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि जैसा हम कहें वैसा लिखवाओ,तभी मुकदमा दर्ज होगा। यह रवैया न सिर्फ अन्यायपूर्ण है, बल्कि पीडि़तों के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन भी है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और आम जनता तथा सामाजिक संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि अगर एक घायल महिला और उसका बेटा अस्पताल और थाने के चक्कर काट रहे हैं, और फिर भी उन्हें इलाज व न्याय नहीं मिल रहा है, तो यह कैसा लोकतंत्र है? आम जनमानस ने मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए व दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसी के साथ ही लापरवाह चिकित्सकों और पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करहै और पीडि़तों को तत्काल इलाज व सुरक्षा प्रदान की जाने की मांग की है।
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