(गोंडा)रावण के दरबार में अंगद ने दिखाया पौरुष
- 30-Sep-25 12:00 AM
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:-मालवीय नगर की रामलीला में राम की सेना के सागर पार उतरने पर लंका में मची खलबलीगोण्डा 30 सितंबर। मालवीय नगर में चल रही रामलीला में नवम् दिवस राम की सेना के सागर पार उतरने पर लंका में खलबली मचने, रावण दरबार में विभीषण के अपमानित होने पर राम के शरण में जाने एवं रावण व रामदूत अंगद के मध्य हुए संवाद का रोमांचक मंचन किया गया।नटराज लीला मंडल के कलाकारों ने लीला का शुभारंभ राम की सेना के सागर पार उतरते ही लंकावासियों में खलबली मचने का रोचक मंचन से किया। रावण के दरबार में अपनी बहादुरी की डींग हांक रहे लंकापति को जब विभीषण ने नीति का उदाहरण देकर भगवती सीता को ससम्मान प्रभु श्री राम को लौटाकर युद्ध न करने का सुझाव दिया। रावण ने विभीषण को पैर से प्रहार कर दरबार से भगा दिया। अपमानित विभीषण भगवान राम की शरण में चले गए जहां भगवान ने विधिपूर्वक विभीषण का राजतिलक कर दिया। भगवान ने युद्ध से पूर्व मर्यादा के अनुकूल अंगद को दूत बनाकर लंका भेजा। राज दरबार में रावण व अंगद के बीच रोमांचक संवाद हुआ। अंगद ने भगवान का पौरुष दिखाने के लिए दरबार में अपना पैर जमाकर रावण के शूरवीरों को पैर हटाने की चुनौती दी। पैर हटाने के प्रयास में रावण के सभी महारथी विफल रहे। रावण दरबार के इस रोचक मंचन को देखकर श्रद्धालु भक्तों ने भाव विभोर होकर जयकारा लगाते रहे। रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल सिंह ने दर्शको के प्रति आभार व्यक्त किया। लीला के पूर्व भगवान राम की निकाली झांकी का चौक बाजार सहित कई स्थानों पर स्वागत किया गया। उक्त अवसर पर अध्यक्ष अनिल सिंह व्यवस्थापक हरीश शुक्ला, संजय तिवारी, गोपेश श्रीवास्तव, धीरेंद्र पांडेय एवं अमर किशोर कश्यप उपस्थित रहे।
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