(गोमिया) गोमिया विधानसभा में अब जनता चाहती है बदलाव

  • 13-Nov-24 12:00 AM

-स्थानीय नीति, रोजगार और महंगाई पर मतदाताओं के तीखे सवालगोमिया 13 नवंबर (आरएनएस)। गोमिया विधानसभा में इस बार का चुनावी मुकाबला मुद्दों पर आधारित है. क्षेत्र में स्थानीय नीति, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दे हावी हैं. ग्रामीण मतदाता जागरूक हो गए हैं और वे केवल घोषणाओं के बजाय उन नेताओं पर विश्वास करना चाहते हैं जो उनके विकास के लिए ईमानदारी से काम करें.झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है और प्रत्याशी जनता का विश्वास जीतने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. बोकारो जिले के गोमिया विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी तेज़ हो चुकी है, और हर उम्मीदवार क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के वादे कर रहे है ,लेकिन गोमिया की जनता इस बार जागरूक है और केवल वादों पर भरोसा करने के बजाय, वे अपने अनुभवों से सीखे हुए मुद्दों पर उम्मीदवारों से जवाब मांग रही है.स्थानीय नीति और 1932 खतियान बने प्राथमिक मुद्देगोमिया विधानसभा के एक ग्रामीण ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकतर नेता चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते. उनका मानना है कि इस बार वह ऐसा नेता चुनना चाहते हैं जो वास्तव में गांव के विकास के प्रति ईमानदारी से काम करे. इसी विधानसभा के ही निवासी का कहना है कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति इस बार चुनाव का अहम मुद्दा है. वह चाहते हैं कि स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने वाला नेता चुना जाए. ग्रामीणों ने रोजगार और शिक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर बात की. उनके अनुसार, गोमिया क्षेत्र में रोजगार के अवसरों और सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. क्षेत्र के अधिकतर युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं, और सरकारी शिक्षा की हालत भी खराब है. इनका मानना है कि यदि इन समस्याओं का समाधान किया गया तो गोमिया का असल विकास होगा.बुनियादी सुविधाओं और मुफ्त घोषणाओं पर सवाल में ग्रामीणोंने नेताओं द्वारा चुनाव के समय की जाने वाली मुफ्त घोषणाओं पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि नेता जनता को मुफ्त की योजनाओं का लालच देकर गुमराह करते हैं, लेकिन बुनियादी मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. उन्होंने कहा कि यदि नेता सड़क, सिंचाई, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर देते तो आज गोमिया की हालत कुछ और होती. इस बार ऐसे प्रत्याशी को चुनना चाहते हैं जो पढ़ा-लिखा हो और जनता के विकास के प्रति समर्पित हो.गोमिया की महिला मतदाताओ ने महंगाई को इस चुनाव का एक अहम मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई ने लोगों की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है. यह भी कहा कि सरकार को प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि बच्चों की पढ़ाई अब बहुत महंगी हो चुकी है. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को री-एडमिशन शुल्क पर सख्त कदम उठानी चाहिए ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके.वर्तमान में गोमिया विधानसभा से 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. आजसू पार्टी से लंबोदर महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा से योगेंद्र प्रसाद प्रमुख प्रत्याशी हैं. पिछले चुनाव (2019) में लंबोदर महतो ने 10,937 वोटों के अंतर से जेएमएम की बबीता देवी को हराया था. इस बार भी लंबोदर महतो और योगेंद्र प्रसाद के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है.




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