(गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) एमपी के जीएसटी घोटाले में कोयला कारोबारी शेख जफर गिरफ्तार

  • 02-Jul-25 03:11 AM

0 ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 02 जुलाई (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जीएसटी घोटाले में ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोयला कारोबारी शेख जफर को गिरफ्तार किया है।
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित फर्जी जीएसटी बिल घोटाले की जांच में भोपाल की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में दबिश दी है। इस दौरान ईओडब्ल्यू ने कोयला व्यवसायी शेख जफर को हिरासत में लिया है, जो कथित रूप से इस करोड़ों के टैक्स घोटाले में अहम भूमिका निभा रहा था।
जानकारी के अनुसार, शेख जफर ने फर्जी बिलिंग के जरिए छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार किया और त्रस्ञ्ज चोरी की। वह इस पूरे नेटवर्क में जबलपुर के विनोद कुमार सहाय के लिए काम करता था, जो इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ईओडब्ल्यू पहले ही विनोद सहाय को 25 जून को झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ में शेख जफर ने खुलासा किया कि वह विनोद सहाय की कई फर्जी फर्मों के जरिए कोयले का लेनदेन करता था। उसकी खुद की कंपनियां अंबर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स जबलपुर के रानीताल इलाके में रजिस्टर्ड हैं। इन कंपनियों ने अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स और नमामि ट्रेडर्स जैसे कारोबारियों के साथ फर्जी लेन-देन किए। साथ ही वह जगदम्बा कोल केरियर, महामाया ट्रेडर्स और जेएमकेडी कोल जैसी सहाय की फर्मों के माध्यम से कई पॉवर प्लांट्स और कोल वॉशरियों को कोयला सप्लाई करने का दिखावा कर रहा था।
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि शेख जफर का मरवाही के पास रूमगा मटियाढांड क्षेत्र में एक बड़ा कोयला डंपिंग यार्ड है, जहां से वह कथित तौर पर चोरी का कोयला इधर-उधर भेजता था। इसके लिए उसने बिलासपुर और अन्य शहरों के कई कारोबारियों के नाम का इस्तेमाल किया। शेख जफर और विनोद सहाय की फर्जी कंपनियों ने मिलकर करीब 34 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी की चोरी की। इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों और संस्थानों की भी जांच जारी है। ईओडब्ल्यू आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां कर सकती है।
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