(घाटशिला) उच्च शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन से मिले घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य

  • 25-Jul-24 12:00 AM

-कॉलेज के विकास के लिए मांगी अतिरिक्त भूमि घाटशिला 25 जुलाई (आरएनएस)। घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर के चौधरी को रांची में झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में उच्च शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन से उनके आवास में मिले। प्राचार्य ने सर्वप्रथम मंत्री जी को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान किया।मंत्री चंपई सोरेन से मिलकर प्राचार्य डा चौधरी ने बताया कि घाटशिला कॉलेज कोल्हान विश्वविद्यालय का बड़ा महाविद्यालय है। छात्रों की संख्या भी काफी अधिक है।? यह संख्या दिनानुदिन बढ़ती जा रही है। कई नए पाठ्यक्रम खोले जा रहे हैं। आधारभूत संरचना में भी विकास हो रहा है। वर्तमान में यह कॉलेज पांच एकड़ भूमि में स्थित है। कॉलेज के विस्तार के लिए अतिरिक्त 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसका प्रस्ताव कोल्हान विश्वविद्यालय के माध्यम से जनवरी माह में ही उच्च शिक्षा मंत्रालय में जमा करवा दिया गया है। सरकार के स्तर पर घाटशिला कॉलेज के लिए भूमि उपलब्ध करवाने हेतु उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को पत्र भेजा जाता है तो जमीन मिलना आसान हो जाएगा।प्राचार्य डॉ चौधरी ने शिक्षा मंत्री को यह भी बताया कि घाटशिला कॉलेज को धरमबहाल पंचायत के फुलडुंगरी के पास 1975 में 30 वर्षों के लिए लीज में 9 एकड़ 35 डिसमिल जमीन मिला था। उस भूमि पर कॉलेज का तीन आदिवासी कल्याण छात्रावास बना हुआ है तथा खेल मैदान है। उस जमीन का लीज अवधि वर्ष 2006 में समाप्त हो गया। लीज नवीकरण के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त भी अपने स्तर से लीज नवीकरण करवाने को लेकर पत्र लिखे हैं लेकिन घाटशिला अंचल कार्यालय स्तर से इसका जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा जा रहा है। इस कारण यह मामला वर्षों से लंबित है।प्राचार्य के दोनों मांगों को उच्च शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन गंभीरता से सुने? और प्राचार्य को भरोसा दिलाए कि वे इस दिशा में सहयोग करेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक से बात करेंगे। प्राचार्य डॉ चौधरी ने इस आश्वासन के लिए मंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उसके बाद वे झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप ऑन डिजिटल इनीशिएटिव्स फॉर हायर एजुकेशन इन झारखंड में भाग लेने चले गए।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment