(चंडीगढ़)सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ ठोका मानहानि का केस
- 11-Jan-24 12:00 AM
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श्री मुक्तसर साहिब (पंजाब) 11 जनवरी (आरएनएस)। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ मुक्तसर कोर्ट में मानहानि के दावे का केस दर्ज कराया है। साथ ही 1 करोड़ रूपए के हर्जाने की मांग की है। अडीशनल सैशन जज रामसिंह रावल की अदालत ने सी.एम. मान को सम्मन जारी कर दिए हैं व 19 फरवरी को मुकद्दमे की पेशी है।अकाली दल अध्यक्ष ने इस संबंध में अपने वकील के माध्यम से सिविल न्यायाधीश की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर किया और 2.29 लाख रूपए की कोर्ट फीस भी जमा की है। मीडिया से बातचीत करते हुए बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 9 जनवरी 2023 को यह नौटंकी की कि पंजाब का कीमती पानी उनके परिवार द्वारा एक निजी नहर का निर्माण करके हरियाणा के बालासर गांव में उनकी खेती वाली जमीन के लिए लेकर जाया गया था। मुख्यमंत्री ने मामले के वास्तविक तथ्यों को जानने के बावजूद यह अपमानजनक बयान दिया और यह जानते हुए कि उनके पद के कारण इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा , के बावजूद उन्होने जानबूझकर ऐसा किया था।बादल ने कहा कि यह वास्तवकि तथ्य है कि उन्होने और अकाली दल ने पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए संघर्ष किया, जबकि मुख्यमंत्री और आप पार्टी ने तुच्छ राजनीतिक लाभ लेने के लिए हरियाणा में नदी जल के संबंध में प्रतिकूल रूख अपनाया था। बादल ने अपने केस के संबंध में कहा कि भगवंत मान नियमित रूप से उनके खिलाफ झूठ, निराधार और अपमानजनक बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हे और बादल परिवार को अत्यधिक भ्रष्ट लोगों के रूप में चित्रित किया, जिन्होने पंजाब को लूटा तथा साथ ही उन्हें सिख विरोधी और पंजाब विरोधी भी कहा है। उन्होने कहा, यह सब मुख्यमंत्री की अपने राजनीतिक आकाओं के साथ मिलकर एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत किया गया हैÓÓ।केस दायर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि भगवंत मान को झूठ बोलने की आदत हो गई है और वह झूठ की राजनीतिक कर रहे हैं। उन्होने कहा, अब उन्हे इसके लिए जबावदेह ठहराया जाएगा और उन्हे अदालत में पेश होकर इसका स्पष्टीकरण देना होगा। उन्होने कहा कि हम उन्हे बादल परिवार तथा अकाली दल की बदनामी करने के लिए अपने पद का कतई दुरूपयोग नही करने देंगेंÓÓ। उधर, वकील मनजिंदर सिंह बराड़ द्वारा दायर केस में कहा गया कि 17 नवंबर 2023 को कानूनी नोटिस जारी करके मुख्यमंत्री को अपने आचरण के लिए माफी मांगने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। उस नोटिस में कहा गया था कि एक करोड़ रूपए की क्षतिपूर्ति को पंथ की सेवा में देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिवारों के बीच वितरित किया जाएगा।
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