(चित्रकूट)सदैव निश्च्छत, निष्काम भाव से ही करें सेवा: माता सुदीक्षा महाराज

  • 08-Oct-24 12:00 AM

-77वें निरंकारी संत समागम की तैयारियों का हुआ शुभारंभचित्रकूट 8 अक्टूबर (आरएनएस )। संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं। जिनकी अलग भाषा, वेशभूषा, खानपान, जाति, धर्म और संस्कृति हैं। इतनी विभिन्नताओं के रहते हुये भी सब में एक बात सामान्य है कि सभी इंसान है। पिछले लगभग 95 वर्षो से संत निरंकारी मिशन भी इसी संदेश को न केवल प्रेषित बल्कि अनेक सत्संग और समागम का नियमित रूप से आयोजन कर रहा है। इस वर्ष भी 16, 17 व 18 नवम्बर को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा हरियाणा में होने वाले 77वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में पहुंचकर मानवता के महाकुम्भ का एक बार फिर से नजारा सजाने जा रहे हैं। यह जानकारी ब्रांच चित्रकूट के मुखी शिवभवन ने दी है।मीडिया सहायक सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि संत समागम की भूमि को समागम के लिये तैयार करने की सेवा का शुभारम्भ इस बार छह अक्टूबर को हर वर्ष की भॉति सतगुरू माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता ने किया। इस अवसर पर मिशन की कार्यकारिणी के सभी सदस्य, केन्द्रीय सेवादल के अधिकारी और सत्संग के अनुयायी मौजूद रहे। सतगुरू माता ने फरमाया कि सेवा करते समय सेवक को भेदभाव की दृष्टि से नहीं देखना चाहिये। सदैव निश्च्छत, निष्काम भाव से ही सेवा करें।




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